पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार दोपहर पटना सीटी ओपी साह सामुदायिक भवन सहित प्रकाश पुंज पर्यटक केंद्र में प्रदर्शों का लोकार्पण किया। इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि देश में सबसे कम शराब जनित मौतें बिहार में होती हैं। हम हम जांच करा रहे हैं कि कौन लोग हैं जो यहां शराबबंदी का उल्लंघन करा रहे हैं।
सीएम ने कहा कि सरकार लोगों को सुझाव दे रहे हैं कि ऐसा नहीं करना चाहिए। साथ ही शराब बेचने वाले तस्करों से ही मारे गए लोगों को मुआवजा देने का प्रावधान हमने बना रखा है। शराबबंदी मुद्दे पर विधानपरिषद सभागार में भाजपा के धरना देने पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि वे जब सरकार में शामिल थे तब तक क्या राज्य में शराब पीने से लोगों की मौत नहीं हुई थी। चार से साढ़े चार महीने पहले भाजपा भी हमारे साथ सरकार में थी। तब ऐसी मौतों पर कुछ नहीं कर रहे थे। आज अलग हो गए हैं धरना दे रहे हैं।
सीएम ने कहा कि शराबबंदी के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा अनुचित है। शराबबंदी राज्य में सबकी सहमति से लागू हुआ है। कोई गलत और गंदा शराब पीकर मरता है तो यह लोगों के बीच प्रसारित कराने के विषय है कि अगर इस तरीके से पिएंगे तो मरेंगे।
उन्होंने कहा कि देश के कौन से हिस्से में शराब पीकर लोगों की मौत नहीं होती है लेकिन बिहार में हुई मौतों के बाद यहां मानवाधिकार आयोग की टीम भेजने का कोई मतलब नहीं है। मानवाधिकार टीम की जांच को लेकर कहा कि उनको जरा संविधान को जानने की जरूरत है। हर चीज को अच्छे से समझने की जरूरत है उनको यह समझना चाहिए कि यह जो शराबबंदी कानून लागू है वो किसका अधिकार है। इसको लेकर संविधान में सबकुछ साफ है। यदि जांच की टीम यहां आयी है तो उसको अन्य राज्यों में भी जाना चाहिए।
सीएम ने कहा कि उनको तो यह देखना चाहिए कि अन्य राज्यों की तुलना में यहां सबसे कम मौत हुई है। हमलोग तो खुद इस घटना की जांच कर रहे हैं। इसको लेकर लोगों को सुझाव देने का नहीं काम किया जा रहा है। सीएम ने केंद्र द्वारा कोरोना पर हाई लेवल मीटिंग के एक सवाल के जवाब में कहा कि देश में सबसे ज्यादा कोरोना की टेस्टिंग बिहार में हो रही है। हमारे यहां तो केवल तीन लोगों ही बीते सप्ताह में पॉजिटिव मिले थे। अब तो आंकड़ा शून्य हो रहा है। हालांकि, नीतीश ने सीधे नहीं लेकिन तंज कसते हुए कहा कि देश में कांग्रेस की भारत जोड़ो रैली से भाजपा घबराहट में आ गई है।