देहरादून। आखिरकार मीडिया में आए समाचारों के बाद उत्तराखंड का शासन जाग गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर देहरादून के आसपास जंगलों में बनी अवैध मजारों को वन विभाग ने जड़ से साफ कर दिया है।
देहरादून फारेस्ट रीजन में 17 अवैध मजारें चिन्हित की गई थीं, जिस पर प्रश्न पूछने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने कहा था कि मैं बोलता कम हूं, एक्शन में ज्यादा विश्वास रखता हूं। अब वह दिखाई देने लगा है। इन सभी 17 मजारों को जड़ से समाप्त कर दिया है। वन विभाग की टीमों ने इन मजारों की ईंटें और टिन तक को उठा लिया है ताकि दोबारा फर्जी मजारें न बन सकें। इस लैंड जिहाद का प्रभाव केवल राजधानी ही नहीं ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार, नैनीताल आदि जनपदों में है। पौड़ी, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा में भी अवैध मजारें बन गए थीं, जिससे देवभूमि की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही थी। इसी प्रकार की मजारें रामनगर वन प्रभाग से भी हटाई गई थी।
इन मजारों पर मुसलमान कम हिन्दू ज्यादा जाते हैं और मुसलमान इन मजारों के आसपास अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठान खोल लेते हैं जिसमें चादर बेचने, बतासा, धूप-अगरबती बेचने का काम शामिल है लेकिन अब इन मजारों पर वन विभाग ने हथौड़ा चला दिया है। मुसलमानों में देवबंदी मजार को नई मानते उसके बाद भी जिस तरह मजारें बन रहीं थीं। वह लैंड जेहाद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिस पर सरकार के निर्देश पर वन विभाग ने अपनी आंखें खोल रही है और अवैध मजारों को हटाने का काम प्रारंभ हो गया है।