खरगोन (Khargone) शहर में 10 अप्रैल को रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान हुए पथराव और आगजनी के बाद से लगाया गया कर्फ्यू प्रशासन ने 24 दिनों बाद बुधवार को पूरी तरह हटा दिया. अधिकारी ने बताया कि धारा 144 और अन्य सभी प्रतिबंधों को भी हटा दिया गया है. शांति समिति (Peace Committee) की बैठक के बाद खरगोन के उपसंभागिय मजिस्ट्रेट मिलिंद ढोके ने बताया कि प्रशासन ने बुधवार को शांति समिति की बैठक बुलाई, जिसमें सभी समुदायों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. सभी की सहमति से यह निर्णय लिया गया है कि 10 अप्रैल से जारी कर्फ्यू (Curfew) को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) की धारा 144 के तहत लागू निषेधाज्ञा आज से ही समाप्त हो गई है. सभी प्रतिबंधों और कर्फ्यू को वापस ले लिया गया है. 10 अप्रैल से पहले की स्थिति को बहाल कर दिया गया है. खरगोन शहर में 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस पर कथित पथराव के बाद आगजनी की घटनाएं हुई थी, जिसमें दुकानों, मकानों और वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया था. इसके बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था. 14 अप्रैल से स्थानीय प्रशासन कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील दे रहा था.
त्योहार के चलते नहीं दी गई थी ढील
हालांकि, ईद-उल-फितर और अक्षय तृतीया के त्योहार के मद्देनजर खरगोन शहर में प्रशासन ने मंगलवार को कर्फ्यू में ढील नहीं दी थी, जिसके चलते लोगों ने इन दोनों त्योहार घर पर ही मनाये.उपमंडल दंडाधिकारी मिलिंद ढोके ने सोमवार रात को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि शहर में शांति और कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मंगलवार को कर्फ्यू में कोई ढील नहीं दी जाएगी.
उन्होंने बताया कि सभी समुदायों के लोग अपने घरों में त्योहार मनाने के लिए सहमत हो गए हैं. उन्होंने कहा कि इससे पहले प्रशासन ने दो और तीन मई को 24 घंटे के कर्फ्यू की घोषणा की थी. लेकिन सोमवार को नौ घंटे के लिए इसमें ढील दी गई. बीते रविवार रात इंदौर के संभागीय आयुक्त पवन शर्मा और पुलिस महानिरीक्षक राकेश गुप्ता ने खरगोन पहुंचकर अधिकारियों के साथ बैठक की थी.