वाराणसी। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में उनके आराध्य भगवान राम के नाम पर एक अनूठा राम रमापति बैंक है। त्रिपुरा भैरवी दशाश्वमेध स्थित इस मंदिर रूपी बैंक में जहां रामनाम की पूंजी जमा होती है। वहीं, सारा लेन देन भगवान राम के नाम पर ही होता है।
बैंक में आने वाले श्रद्धालु या तो रामनाम की जमा पूंजी जमा करने आते है। या फिर रामनवमी के दिन जमा रामनाम की पूंजी का दर्शन करते है। काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ के दरबार के समीप स्थित इस मंदिर रूपी बैंक में प्रतिवर्ष रामनाम की पूंजी बढ़ती जा रही है। वर्तमान समय में यहां 19 अरब से अधिक हस्तलिखित रामनाम का संग्रह है। इस अनोखे बैंक का संचालन श्री राम के भक्त करते हैं।
बैंक के उत्सव प्रबंधन से जुड़े सुमित मेहरोत्रा बताते है कि चैत्र नवरात्र की नवमी रामनवमी पर बुधवार को राम रमापति बैंक का 94वां स्थापना दिवस मनाया जायेगा। मध्यान्ह में भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जायेगा। हजारों भक्तों के हस्तलिखित एवं संचित कुल 19 अरब 38 करोड़, चौतीस लाख, पच्चीस हजार श्रीराम नाम तथा सवा करोड़ श्रीशिव नाम की अपूर्व झांकी तथा परिक्रमा प्रारम्भ होगी। जो दस दिनों तक रहेगी। उन्होंने बताया कि भक्तों की आस्था ही नहीं बल्कि उन्हें विश्वास है कि जिस राम नाम की पूंजी को वे इस बैंक में जमा करते है उससे उनका तीनों लोक सुधरेगा।
बैंक में खाता खोलने के लिए फार्म भरा जाता है। इस फार्म पर नाम, पता दर्ज करने के साथ ही भक्तों को अपनी मनोकामना भी लिखनी होती है। बैंक की तरफ से कागज, कलम और दवात मिलता है जिस पर रामनाम लिखना होता है। ब्रह्म मुहूर्त में चार बजे से सात बजे तक लिखने का समय होता है। पूरे वर्ष राम नाम को लिखकर रामनवमी के दिन यहां पर जमा करना होता है और राम नाम के इस कर्ज के बदले इसको चुकाने के बाद बदले में पुण्य फल की प्राप्ति होती है।