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मां-बेटी की अतिक्रमण हटाने के दौरान छप्पर में आग लगने से जलकर मौत

by City Headline
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कानपुर देहात। जनपद के रूरा थाना क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी की जिंदा जलकर मौके पर ही मौत हो गई। अतिक्रमण हटाने गए अधिकारी घटना देख मौके से फरार हो गए। परिजनों ने अधिकारियों पर हत्या का आरोप लगाया है। वहीं पुलिस अधीक्षक द्वारा संदिग्ध परिस्थितियों में आग लगने की बात कहते हुए जांच की बात कही है।
जनपद के मैथा तहसील के मडौली गांव में रहने वाले कृष्ण गोपाल के खिलाफ अवैध कब्जा करने की शिकायत मिली थी। जिसकी सूचना पर जनवरी माह में प्रशासन सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने गया था लेकिन उस दिन वह वापस आ गए थे।
वहीं 14 जनवरी को परिवार जिलाधिकारी से मिला था और वहीं धरने पर बैठ गया था। लेकिन उस दिन मामला शांत हो गया था। वहीं कानपुर देहात महोत्सव के खत्म होते ही उसके अगले दिन मैथा उप जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर प्रसाद अपनी टीम के साथ फिर से जेसीबी से कब्जा हटाने पहुंच गए। आरोप है कि टीम ने जेसीबी से नल और मंदिर तोड़ने के साथ ही छप्पर गिरा दिया। इससे छप्पर में आग लग गई और वहां मौजूद प्रमिला (44) व उनकी बेटी नेहा (21) की आग की चपेट में आने से जलकर मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कृष्ण गोपाल गंभीर रूप से झुलस गए। मामले में पीड़ित परिवार का कहना है कि एसडीएम, तहसीलदार, गांव के अशोक दीक्षित और अनिल दीक्षित के साथ कई और लोग सोमवार को हमारी झोपड़ी पर आए थे। वो लोग बोले झोपड़ी में आग लगा दो। जिसके बाद हमारी झोपड़ी में आग लगा दी गई। तब हम लोग अंदर ही थे।
हम लोग बहुत मुश्किल से निकल पाए। गांव का गौरव दीक्षित नाम का युवक दिल्ली में नौकरी करता है। वो लेखपाल और एसओ से मिला हुआ है। उसी ने इन लोगों के साथ मिलकर पैसा देकर हमारी झोपड़ी गिरवा दी है। इन लोगों ने हमारा मंदिर भी तोड़ दिया। मेरी बेटी और पत्नी को मार दिया है। कानपुर देहात के पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति ने घटनास्थल पर पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी ली। उन्होंने कहा, मौके पर एसडीएम व अन्य प्रशासनिक कर्मचारी अवैध कब्जे को हटाने के लिए आए थे। इस दौरान कुछ लोग अवैध कब्जा न हटाए जाने का विरोध कर रहे थे। इसी दौरान महिला और उनकी बेटी भी विरोध कर रही थी।
विरोध करते-करते उन दोनों ने खुद को झोपड़ी के अंदर बंद कर लिया। थोड़ी देर के बाद झोपड़ी के अंदर आग लग गई। जिसमें महिला और उनकी बेटी की मौत हो गई है। आग लगने का कारण पता लगाया जा रहा है। घटना में कुछ लोग और लेखपाल का नाम सामने आ रहा है। साथ ही अतिक्रमण हटाने के दौरान जो वीडियो बना है, उसको भी देखा जाएगा। जो भी दोषी होगा उस पर सख्त कार्रवाई होगी।
हादसे की जानकारी मिलते गांव के सैकड़ों लोग जमा हो गए और पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को दौड़ा लिया। अफसर गांव से अपनी जान बचाकर भाग निकले। सूचना पर पहुँचे एडीजी कानपुर जोन आलोक सिंह ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी की जलकर मौत हुई है। जांच के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।