कैथल। मन्नत पूरी होने पर एक मां बाप ने कैथल के बाबा राजपुरी में अपने डेढ़ साल के बेटे को दान कर दिया। बच्चा माता गेट के बाबा राजपुरी डेरा में रह रहा है। बुधवार को कैथल पुलिस सूचना मिलने पर सीडब्ल्यूसी के अधिकारियों के साथ माता गेट के बाबा राजपुरी डेरा में पहुंचे और पूरे मामले की जांच की। वहीं डेरा के संचालकों का कहना है कि बच्चे के मां बाप ने इसे अपनी मर्जी से मन्नत पूरी होने पर डेरे को सौंपा है।
पुलिस का कहना है कि चाइल्ड वैलफेयर कमेटी की तरफ से शिकायत आने पर इस मामले में डेरा संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। दूसरी और अंबाला पुलिस भी अपने तरीके से मामले की जांच कर रही है। किसी अज्ञात व्यक्ति ने अंबाला की बाल कल्याण समिति को शिकायत दी थी कि बलदेव नगर कैंप में रहने वाले एक व्यक्ति ने अपना बच्चा कैथल के किसी डेरे में दान कर दिया है इस सूचना पर कैथल की सीडब्ल्यूसी ने अपनी जांच शुरू की और पता लगाया कि बच्चे को उसके माता-पिता ने माता गेट स्थित बाबा राजपुरी के डेरे में दान किया है और उसे वहीं छोड़कर गए हैं।
बच्चा माता गेट स्थित बाबा राजपुरी के डेरे में रह रहा है। इसी सूचना के आधार पर बुधवार को पुलिस बाबा राजपुरी के डेरे में पहुंचे और पूरे मामले की जांच शुरू की गई। मामले की जांच करने बाबा राजपुरी के डेरे में पहुंचे डीएसपी रविंद्र सांगवान ने बताया कि बच्चे की दादी डेरे के संप्रदाय में महंत बनी हुई है। पुलिस बच्चे के मां बाप के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर रही है। पूरे मामले की जानकारी सीडब्ल्यूसी को दे दी गई है। अगर सीडब्ल्यूसी इस बारे में कोई शिकायत करेगी तो पुलिस इस मामले में एफ आई आर दर्ज कर लेगी।
एसएचओ सिटी महेंद्र सिंह ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि बलदेव नगर अंबाला के रहने वाले संजय चौहान नए मन्नत पूरी होने पर अपने डेढ़ साल के बेटे को कैथल के बाबा राजपुरी के डेरे में दान कर दिया। बच्चे का पिता संजय चौहान भजन गायक है और धार्मिक आयोजनों में भजन गाता है। बच्चे की दादी की बहन डेरे में साधु बनी हुई है। उसका नाना भीम सिंह भी साधु बना हुआ है और इसी डेरा में ही रहता है। बच्चे के पिता संजय चौहान भजन गायक है और धार्मिक आयोजनों में भजन गाते हैं।
परिवार से सारी जानकारी के बाद सीडब्ल्यूसी की शिकायत पर ही आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। डेरे को बेटा देने वाले पिता संजय चौहान ने बताया कि उन्होंने अपनी मर्जी से बेटे का दान किया है। उनकी मन्नत के अनुसार उन्होंने पहले ही बेटा देने की बात तय कर ली थी। बच्चा बाद में बड़ा होकर नहीं जाता, इसलिए अभी दे दिया है। बाबा का उनके ऊपर कोई दबाव नहीं है।
इस बारे में जब बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राणा बंसल ने कहा कि उन्हें बाबा डेरा राजपुरी में संत महात्माओं को किसी माता पिता द्वारा एक छोटा बच्चा गद्दी पर दिए जाने की सूचना मिली है। इस सूचना के आधार पर शहर थाना प्रभारी के साथ जिला बाल संरक्षक अधिकारी शशी बाला डेरे में गई थी। उन्होंने मामले की पूरी जानकारी जुटा ली है। एक बार तो डेरे से बच्चा देने से मना कर दिया है। लेकिन डेेरे के माध्यम से बेटे के माता पिता का उन्हें पता चल गया है। इसी आधार पर बच्चे के माता पिता से बाल कल्याण समिति का सम्पर्क हो चुका है। कल उनके माता बाल कल्याण समिति के मिलेंगे। इसके बाद बाल कल्याण समिति अगला कदम उठाएगी। वैसे तो डेरा यह कहता है कि गद्दी पर जो बच्चा आ जाता है वह डेरे का होता है। बच्चे के लालन पालन की जिम्मेदारी भी डेरे यानि गद्दी की ही होती है। बच्चे की शिक्षा दीक्षा की जिम्मेदारी भी डेरा ही निभाता है। लेकिन इस तरह से हम बच्चा किसी के पास नहीं छोड़ सकते हैं। परिवार से सारी जानकारी के बाद ही आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।