जोधपुर। सरकारी ठेके लेकर अपना गुजर बसर करने वाले एक व्यक्ति को उसके ही मामा ने धोखाधड़ी का शिकार बनाकर फंसा दिया। उसके खाते में 21 करोड़ रुपये का लेन-देन करवा दिया। बैंक और साइबर थाना जैसलमेर से फोन आने पर उसकी आंखें खुलीं। पीड़ित ने अपने अधिवक्ता के मार्फत अब पुलिस में इसकी रिपोर्ट दी है। जिसमें अग्रिम जांच आरंभ की गई है।
निंबा निंबड़ी विधि विश्वविद्यालय के सामने रहने वाले त्रिभुवन सिंह पुत्र भोम सिंह की तरफ से मामला दर्ज करवाया गया है। इसमें बताया कि वह सरकारी ठेके लेकर अपने परिवार का गुजर बसर करता है। वह जून महीने में जयपुर जगतपुरा वेदांत हाइटस कंपनी पर गया था। वहां पर उसका रिश्ते में लगने वाला मामा धोलियानाडा तिंवरी निवासी भवानी सिंह मिला। जिसने कहा कि उसके खाते में अमाउण्ट आने वाला है। यदि वह अपने चालू खाते में रकम डलवा दे तो उसका काम हो जाएगा। इसके लिए उसके मामा भवानी सिंह ने अपने खाते में हो रखे दो करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन को भी बताया था।
खाते में रुपये डालने की बात को लेकर परिवादी को कमीशन देने को भी कहा था। इस पर सहमति जताए जाने पर भवानी सिंह ने परिवादी का एक खाता रातानाडा एरिया में निजी बैंक में खुलवाया। जहां जान पहचान होने के चलते दो लाख रुपये देकर खाता खुलवाया गया।
इसी बीच जून- जुलाई के मध्य ही परिवादी त्रिभुवन सिंह के पिता बीमार होने पर अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। तब उसके मामा भवानी सिंह ने 10-11 जुलाई को खाते से 21,29,43,870.86 रुपये का लेन-देन कर डाला। जिसका पता परिवादी को नहीं चल पाया। इस पर बैंक से कॉल आने पर उसे पता लगा। तब उसने अपने मामा भवानी सिंह को टैक्स रिटर्न आदि औपचारिकताएं पूरी करने को कहा, मगर वह टालमटोल करता रहा।
अभी 6 नवंबर को परिवादी त्रिभुवन सिंह को जैसलमेर साइबर थाने में सूचना मिली कि उसके द्वारा आपराधिक षड्यंत्र किया गया है। परिवादी ने फिर अपने मामा को फोन किया तो वह टालमटोल कर जवाब देता रहा। अब पीड़ित ने अपने अधिवक्ता के मार्फत रातानाडा थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दी है।