- स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास होते ही राजद-कांग्रेस आदि के खेमे में छा गई थी मायूसी
पटना। बिहार विधानसभा में सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने बहुमत सााबित कर दिया। महागठबंधन खेमे के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तीन विधायकों ने ऐन मौके पर पाला बदल कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को मजबूती प्रदान कर दी। इसी के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की सरकार ने बिहार विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया। नीतीश सरकार के पक्ष में बहुमत साबित होने से पहले विपक्षी गठबंधन ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया। विपक्ष के वॉकआउट के बीच सत्ता पक्ष की तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विश्वास मत पर वोटिंग कराने की मांग की। इस पर हुए मतदान में नीतीश सरकार के पक्ष में 129 वोट पड़े।
राजद, कांग्रेस और वामपंथी दलों के महागठबंधन के तीन विधायक एनडीए के साथ आ गए थे। सदन में विधायक नीलम देवी, प्रह्लाद यादव और चेतन आनंद राजद का साथ छोड़कर सत्ता पक्ष की तरफ आकर बैठ गए। इससे पहले सदन में हुई बहस के दौरान राजद नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री और भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा कि जब रोजगार उनकी वजह से मिला है तो उसका क्रेडिट वह क्यों नहीं लेंगे। जवाब में नीतीश कुमार ने भी लालू-राबड़ी के 15 साल के शासन की अराजकता को गिनाया और बताया कि आज के बिहार की छवि उन्होंने ने ही बदली है, जिसके नाते महिलाएं आज रात में 12 बजे भी घर से बाहर निकलने में नहीं हिचकतीं।
इससे पहले स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ सत्ता पक्ष की तरफ से लाये गए अविश्वास प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में तस्वीर साफ हो गई थी। इसमें स्पीकर के खिलाफ सत्ता पक्ष की तरफ से 125 वोट पड़े, जबकि पक्ष में मात्र 112 वोट ही पड़े। स्पीकर के पक्ष में सिर्फ 112 वोट पड़ने के साथ ही राजद-कांग्रेस खेमे के विधायकों में मायूसी छा गई थी।