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जाणता राजा: गायों की रक्षा व देवालयों की सुरक्षा हिंदवी स्वराज्य का मूल मंत्र

जय भवानी-जय शिवाजी के नारों से गुंजायमान हुआ जनेश्वर मिश्र पार्क

by Suyash

लखनऊ । छत्रपति शिवाजी के जीवन चरित्र पर आधारित एकलौता महानाट्य जाणता राजा के तीसरे दिन शनिवार को जनेश्वर मिश्र पार्क के पण्डाल में बैठे दर्शकों में हल्की सर्दी में गर्मजोशी का अहसास हुआ।
नाट्य के दौरान शिवाजी ने कहा कि गायों की रक्षा सभी देवालयों की सुरक्षा, बहू बेटियों की रक्षा और आम जनता में सुख-शान्ति व्याप्त हो यही हिंदवी स्वराज्य का मूल मंत्र है।
मंचन के दौरान शिवाजी ने हिंदवी स्वराज्य की स्थापना तो कर दी लेकिन स्वयं राज्य सिंहासन पर स्वर्ण मुकुट लगाकर राजा बनने के इच्छुक नहीं थे, लेकिन उनकी माता जीजाबाई ने कहा कि बचपन से मैने भगवान शिव और तुलजा भवानी से यही प्रार्थना की है कि एक दिन मेरा शिवा राजा बनकर गरीबों की व आम जनता की सेवा करता दिखाई दे तभी हिंदवी स्वराज्य की स्थापना हो सकेगी।
शिवाजी ने अपनी माता और गुरूजनों के बहुत कहने पर राज सिंहासन स्वीकार किया। शिवाजी ने अपने स्वराज्य में आम जनता की सेवा के साथ बहू बेटियों को भरपूर सम्मान दिलाने का कार्य किया और धर्म की स्थापना की। इस तीन घंटे के मंचन को देख रहे हजारों दर्शक झूम उठे और बीच-बीच में जय भवानी-जय शिवाजी के नारों से पण्डाल गुंजायमान हो रहा था।
मंचन के दौरान शिवाजी की माता जीजाबाई ने मुगलिया शासन के खिलाफ ललकार भरते हुए अपने पुत्र षिवाजी से कहा कि तुम्हारे साथ माता का आशीर्वाद है और तुम्हारी तलवार में आज से तुलजा भावानी साक्षात निवास करेगी। उन्होने ने यह भी कहा कि तुम अपने पिता और मामा की तरह मुगल दरबार में चाकरी नही करोगे बल्कि स्वतंत्र होकर स्वयं साक्षात भगवान शिव की तरह शिवा बनकर हिंदवी स्वराज की स्थापना करोगे और आम जनता व गरीबों को न्याय दिलाने के लिए जीवन भर युद्ध करोगे। इस मंचन से प्रदेष के अनेक जिलों से आये हजारों दर्शक भाव विभोर दिखायी दिये।
दिव्य प्रेम सेवा मिशन के द्वारा दिनाँक 26 से 31 अक्टूबर 2023 तक हिंदवी स्वराज्य स्थापना के 350वें वर्ष पर छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित विश्व के सबसे बड़े महानाट्य ‘जाणता राजा’ का आयोजन लखनऊ, उ0प्र0 के जनेश्वर मिश्र पार्क में किया जा रहा है।
दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. आशीष गौतम ने कहा कि अपनी संस्कृति एवं इतिहास अनेक वीरों की शौर्य गाथाओं से भरा हुआ है परन्तु समाज के एक बड़े वर्ग को इसकी जानकारी तक नही है। उन्ही वीरों में से एक हैं छत्रपति शिवाजी महाराज हैं। डॉ. आषीष गौतम ने आगे बताया कि कार्यक्रम को सवा लाख लोगों को दिखाने का लक्ष्य रखा गया है जो निरन्तर पूर्णता की ओर है।
सेवा मिशन के संयोजक संजय चतुर्वेदी ने बताया कि इस दिव्य नाट्य को देखने के बाद विद्यार्थी, युवा एवं समाज के अनेक वर्ग के लोग अपने पुराने इतिहास और आदर्शों को जान और समझ रहे हैं। इससे समाज में आने वाली युवा पीढ़ी में चरित्र और संस्कार का निर्माण भी होगा।
कार्यक्रम आयोजन से आम नागरिकों के साथ छात्रों, व्यवसायिक, राजनैतिक, चिकित्सा, शिक्षा, न्यायपालिका आदि क्षेत्रों से जुडे़ हजारों लोगों में अपार उत्साह देखने को मिल रहा है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री उत्तराखण्ड सरकार प्रेमचन्द्र अग्रवाल, कुँवर बृजेश सिंह राज्यमंत्री, राज्यमंत्री दानिश आजाद, के. रवीन्द्र नायक, प्रमुख सचिव उ0प्र0 शासन, मुकुल कुमार साहू विशेष सचिव विधानसभा उ0प्र0, श्याम सुन्दर सिंह यादव पूर्व विधायक झांसी, ओमकार राय पूर्व विशेष सचिव दिल्ली सरकार, मुख्य कार्यक्रम संयोजक अमरजीत मिश्रा व रेशु भाटिया प्रमुख रूप से उपस्थित रहीं।