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सोशल मीडिया पर कंपनी की डीलरशिप दिलाने का लालच दे ठग लिये एक करोड़ 21 लाख

हरियाणा के युवकों ने स्कूटर इण्डिया की डीलरशिप दिलाने के नाम पर किया खेल, गिरफ्तार

by City Headline
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जयपुर। हरमाड़ा थाना पुलिस ने ट्रिपल पॉवर स्कूटर इण्डिया कम्पनी की डिलरशीप देने के लिए पेपर और सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर एक करोड़ 21 लाख 53 हजार रुपये की ठगी की वारदात करने वाले दो शातिर ठगों को सिरसा हरियाणा से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार दोनों आरोपी पेपर और सोशल मीडिया में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग को देखते हुए डीलरशिप देने का विज्ञापन देकर भोले-भाले लोगों से ठगी की वारदात करते हैं।
पुलिस उपायुक्त जयपुर (पश्चिम) वंदित राणा ने बताया कि हरमाड़ा थाना पुलिस ने ट्रिपल पॉवर स्कूटर इण्डिया कम्पनी की डिलरशीप देने के लिए पेपर और सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर एक करोड़ 21 लाख 53 हजार रुपये की ठगी की वारदात करने वाले सिरसा हरियाणा निवासी अनिल सोनी उर्फ नीलू उर्फ अशोक जैन (34) और दीपक उर्फ अजीत सिंह (34) को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों के दो साथी पूर्व में गिरफ्तार हो चुके हैं। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि गिरफ्तार आरोपित ट्रिपल पावर स्कूटर इण्डिया कम्पनी की डीलरशिप देने के लिए पेपर और सोशल मीडिया पर विज्ञापन देते हैं। जब लोग लुभावने विज्ञापन देखकर कम्पनी के दिए गए नम्बरों पर सम्पर्क करते हैं। तो आरोपित कम्पनी के स्कूटर निर्माण की फैक्ट्री विशाखापटनम में बताकर हेड ऑफिस जयपुर में बताकर डिलरशीप देने के नाम पर प्रत्येक डीलर से 5 लाख रुपए की राशि ली तथा उसके बाद लोगों को स्कूटर उपलब्ध करवाने की बात कहकर लोगों के रुपए हड़प कर करीब एक करोड़ 21 लाख 53 हजार रुपए की ठगी कर फरार हो गए। इस ठगी में बदमाशों ने फर्जी सिमकार्ड व फर्जी लोगों के खातों का इस्तेमाल किया। इस संबंध में कुम्हेर भरतपुर निवासी गजेन्द्र सिंह ने मामला दर्ज करवाया था कि न्यूज पेपर में प्रकाशित एडवरटाइजमेंट को देखकर ट्रिपल पॉवर इलेक्ट्रिक स्कूटर कम्पनी के टॉल फ्री नम्बर पर सम्पर्क किया। तो कॉल अटेंडर अजय ने जयपुर आकर मिलने को कहा और बताया कि इसका हैड ऑफिस बस स्टेण्ड हरमाड़ा सीकर रोड जयपुर है जिस पर पीड़ित 4 जुलाई को जयपुर इनके ऑफिस आया। यहां अंशुल द्विवेदी नामक व्यक्ति ने अपने आपको कंपनी का मैनेजर बताया। स्कूटरों के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट विशाखापट्टनम में है। कंपनी से डीलरशिप लेने के लिए 5 लाख रुपए देने होंगे। पीड़ित ने पैसा दिया लेकिन उसके बाद बदमाशों ने अपना ऑफिस और नम्बर बंद कर फरार हो गए।