देश में इन दिनों कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है. इस बीच तमिलनाडु (Tamil Nadu) में स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (IIT Madras) के कैंपस में भी कोरोना बम फूटा है. कैंपस में अब तक 171 लोग कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) मिल चुके हैं. यह जानकारी तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव डॉ. जे राधाकृष्णन ने गुरुवार को दी है. कैंपस में इतनी बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव लोग मिलने से हड़कंप की स्थिति है.
आईआईटी मद्रास में कुछ दिन पहले से ही कोरोना संक्रमण पैर पसारने लगा था. इससे पहले 26 अप्रैल को 31 लोगों के संक्रमित होने की जानकारी सामने आई थी. उस दिन कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 111 हो गई थी. कैंपस में दिनोंदिन बढ़ रहे कोरोना केस को लेकर तमिलनाडु के स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में जिलाधिकारियों से सतर्क रहने का आह्वान किया था और कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के प्रयासों में ढिलाई नहीं बरतने के निर्देश दिए थे.
स्वास्थ्य मंत्री कर चुके हैं दौरा
स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने कलेक्टरों को लिखे पत्र में पात्र लोगों का प्रभावी रूप से टीकाकरण करने का निर्देश दिया था. स्वास्थ्य मंत्री ने राधाकृष्णन और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आईआईटी-एम के परिसर का पिछले दिनों दौरा करके हालात का जायजा लिया था.
देश में दिनोंदिन बढ़ रहे मामले
बता दें कि देश में इपन दिनों कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से उछाल देखा जा रहा है. गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 3,303 नए मामले सामने आए हैं. इसके बाद भारत में कोरोना वायरस से अब तक संक्रमित हो चुके लोगों की संख्या बढ़कर 4,30,68,799 हो गई है. वहीं, इलाज करा रहे मरीजों की संख्या भी बढ़कर 16,980 पर पहुंच गई है.
कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी
गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना संक्रमण से 39 और लोगों की मौत हो गई है. भारत में अब तक कोरोना से कुल 5,23,693 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं देश में इलाज करा रहे लोगों की संख्या कुल मामलों की 0.04 फीसदी है. पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 701 की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वहीं, मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.74 प्रतिशत है.
अस्पताल में भर्ती होने का खतरा कम
उधर भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स संघ (इनसाकॉग) ने जीनोम अनुक्रमण के विश्लेषण के आधार पर कहा है कि देश में कोरोना वायरस के बहुत कम रिकॉम्बिनेंट वेरिएंट पाए गए हैं और इनमें से किसी में ना तो स्थानीय या अन्य स्तर पर संक्रमण में वृद्धि देखी गई और ना ही इनसे गंभीर संक्रमण या अस्पताल में भर्ती होने का खतरा है.