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कांग्रेस नेता शशि थरूर बोले, हम नहीं हैं एंटी हिन्दू

by City Headline
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जयपुर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि हम एंटी हिन्दू नहीं हैं। हमारी पार्टी में 80 प्रतिशत नेता हिंदू हैं। हम हिंदू विरोधी कैसे हो सकते हैं। 80 प्रतिशत हिंदुओं का देश है, लेकिन 20 फीसदी गैर हिंदुओं का भी सम्मान है। संविधान में सबको बराबरी का अधिकार है।

थरूर रविवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि 2024 में जनता तय करेगी कि उनके लिए सही विकल्प क्या है। हम 2024 में लोगों से कहेंगे, रामलला के बारे में मत सोचिए। यह सोचिए कि आपकी जेब में कितना पैसा है। आपको रोजगार मिला? आपका बैंक अकाउंट कितना है? क्या आपकी जिंदगी बेहतर हुई या नहीं हुई? मुझे विश्वास है कि अगर यह सवाल पूछेंगे तो जवाब अलग मिलेगा।

उन्होंने कहा कि अब विपक्ष की भूमिका सीमित कर दी गई है। पहले 80 प्रतिशत बिल संसदीय समिति को भेजे जाते थे। मोदी राज में 16 प्रतिशत हो गए और दूसरे शासनकाल में और कम हो गए, तो विपक्ष की भूमिका सदन में घटती गई। हम चुनाव के लिए सभी तरह की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लोकतंत्र में अंततः जनता तय करती है। सरकार के खिलाफ कई आंदोलन हुए लेकिन वह आक्रोश वोट में नहीं बदलता है, लेकिन आप देखेंगे कि कई राज्य ऐसे हैं, जहां भाजपा बिल्कुल नहीं है। और कई राज्यों में भाजपा नीचे ही जाएगी। इसलिए हमें उम्मीद है कि जनता अपने मुद्दों के प्रति जागरूक होगी और हमें वोट करेगी।

थरूर ने डेमोक्रेसी को लेकर कहा कि जिस डेमोक्रेसी को सही तरह से लागू करने के लिए पिछली सरकारों ने काफी मेहनत की,लेकिन अब हालात बदल गए है। वहीं एक सवाल के जवाब में थरूर ने कहा कि आप विपक्ष को बहुमत दीजिए। इसके बाद हमारा नेता कौन होगा, ये बता देंगे। इस दौरान उन्होंने न्यायपालिका और मीडिया पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मीडिया केवल सरकार का नरेटिव सेट करने का काम कर रही है। सीएए को लेकर देश में बहुत बड़ा प्रदर्शन हुआ। दिल्ली के शाहीन बाग जाने वाले वो खुद पहले नेता थे। भारत रत्न अंबेडकर ने देश को संविधान दिया, लेकिन मोदी सरकार आने के बाद विपक्ष के नेताओं को संसद में बोलने का मौका तक नहीं दिया जा रहा।

थरूर ने कहा कि हमारे पास पार्लियामेंट्री सिस्टम है, जो काफी खराब है। हमारा पार्लियामेंट्री सिस्टम प्रेसिडेंशियली चलाया जा रहा है, जो डेमोक्रेटिक संस्थान के लिए सही नहीं है। हालांकि इस पर नहीं जाना चाहेंगे कि उन्होंने सभी समस्याओं को खत्म किया या नहीं। लेकिन इन सबके बीच में अल्टरनेटिव लीडरशिप को भी मौका मिलना चाहिए। जहां अनुभवी लीडर मौजूद हैं, जो आपको इंसानियत के साथ सुनेंगे। अपने बारे में नहीं, आपके बारे में बात करेंगे। आपकी क्या समस्या है और क्या जरूरत है।