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सुप्रीम कोर्ट 13 फरवरी को हिंडनबर्ग मामले की सुनवाई करेगा

ऐसे मामलों से निपटने के लिए दिए कमेटी के गठन के संकेत

by Suyash

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हिंडनबर्ग रिपोर्ट से पैदा हुई स्थिति पर सुनवाई की। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद केस की अगली डेट 3 फरवरी को लगायी है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग जैसे मामले से पैदा हुई स्थिति से भविष्य में निपटने के लिए मैकेनिज्म बनाने के लिए कमेटी के गठन का संकेत दिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले पर अगली सुनवाई 13 फरवरी को करने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों को हुए नुकसान पर चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि स्टॉक मार्केट के लिए रेगुलेटिंग मैकेनिज्म को दुरुस्त किये जाने की जरूरत है। निवेशकों के हितों की रक्षा जरूरी है, क्योंकि निवेशक मध्यम वर्ग से होते हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि मौजूदा व्यवस्था में कैसे सुधार किया जा सकता है। कोर्ट ने सेबी से भी इस संबंध में सुझाव मांगा है।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट और अडाणी मामले पर दो याचिकाएं दायर की गई हैं। एक याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि भारत की संप्रभुता के लिए यह आवश्यक है, इसकी जांच की जाए। याचिका में बड़े कॉरपोरेट घरानों को दिए जाने वाले लोन को स्वीकृति देने के लिए बनाई गई नीति की देखरेख के लिए एक विशेष कमेटी गठित किए जाने की मांग की गई है।

दूसरी याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा ने दायर की है। याचिका में हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन और भारत में उनके सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच की मांग की गई है। मनोहर लाल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर निर्दोष निवेशकों का शोषण और उनके साथ धोखाधड़ी करने के लिए शार्ट सेलर के खिलाफ की जांच किए जाने की मांग की है। शर्मा की याचिका में शार्ट सेलर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए निवेशकों को मुआवजा दिए जाने की मांग की गई है। शर्मा ने याचिका में हिंडेनबर्ग के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 120बी और सेबी के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है।
याचिका में हिंडेनबर्ग की भूमिका की जांच किए जाने की मांग की गई है। याचिका में यह सवाल भी पूछा गया है कि क्या यह सेबी की जिम्मेदारी नहीं थी कि वो शॉर्ट सेलिंग पर रोक लगाए। याचिका में कहा गया है कि रिसर्च रिपोर्ट के बाद अडानी के शेयर्स की शॉर्ट सेलिंग हुई जिसकी वजह शेयर मार्केट में भारी गिरावट हुई है।