सुरेश भारद्वाज (Suresh Bhardwaj) हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ हैं. शिमला जिले के शिमला निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के सदस्य भी हैं जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार (BJP) में वे कानून और शिक्षा मंत्री के पद पर कार्यरत हैं उनका जन्म शिमला में शारधानन्द के यहां 15 मार्च, 1952 को हुआ. उनकी प्रारंभिक शिक्षा शिमला से ही हुई है. जबकि उन्होंने 1971 में विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की है. इसके साथ उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से विधि में स्नातक की डिग्री भी ली है.उनका विवाह सुधा भारद्वाज से हुआ है जिनसे उन्हें दो पुत्र तथा एक पुत्री है.
सुरेश भारद्वाज का राजनीतिक सफर
सुरेश भारद्वाज कॉलेज के दौरान छात्र आन्दोलन में सक्रिय रहे है. वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में राष्ट्रीय सचिव के पद पर कार्यरत रह चुके हैं. वे आपातकाल के दौरान (1975-77) के दौरान कई बार जेल गए.
1977 में हिमाचल प्रदेश लोकतांत्रिक मोर्चा के संयोजक बने.
जनता युवा मोर्चा की वे अध्यक्ष रह चुके हैं.
1978-81 में हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा राष्ट्रीय कोषाघ्यक्ष बने.
1987-88 में भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के सचिव बने.
2003-2006 तक हिमाचल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे.
प्रदेश विधानसभा के लिए 1990 में पहली बार निर्वाचित हुए. हिमाचल सरकार के साथ सदन की विभिन्न अन्य समितियों के सदस्य भी रहे.
वर्ष 2002 में राज्य सभा के लिए चुने गए.
दिसम्बर 2007 में दुबारा विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए, मुख्य सचेतक, भारतीय जनता विधायक दल और सभापति, मानव विकास समिति रहे.
वर्ष 2012 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए.
वर्ष 2017 में दुबारा हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए
सुरेश भारद्वाज अपने इस बयान के कारण रहे चर्चा
सुरेश भारद्वाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक बयान दिया जिसके कारण वह खूब सुर्खियों में रहे. उन्होंने पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिव का अवतार पुरुष बताया. जिसके बाद उनके इस बयान पर विरोधी दलों के नेताओं ने जमकर चुटकी ली. 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर हिमाचल प्रदेश के कद्दावर नेता सुरेश भारद्वाज पूरे यकीन के साथ दावा कर रहे हैं कि हिमाचल में भी रिकॉर्ड टूटेगा और भाजपा ही सत्ता में आएगी.