Celebs Thoughts On International Women’s Day: आज 8 मार्च को पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रही है. इस खास मौके पर बॉलीवुड हस्तियां भी महिलाओं के लिए अपने सम्मान और उनके रुतबे को लेकर अपनी राय देने से पीछे नहीं हटी हैं. अनुपम खेर, ईशा देओल, शबाना आजमी से लेकर मोना सिंह तक ने महिलाओं और समाज में उनके योगदान को लेकर अपनी राय दी है.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए दिग्गज एक्टर अनुपम खेर ने कहा- ‘किसी भी इंसान की जिंदगी में सबसे पहले जो आता है वो है मां के रूप में एक महिला. मां हर किसी का पहला प्यार होती है. मैं ऐसे घर में पला बढ़ा हूं जहां मैंने महिलाओं को बहुत सम्मान मिलता देखा है. मुझे लगता है कि महिला दिवस हर दिन मनाया जाता है. मैं हर दिन महिला दिवस मनाता हूं. मैं आज सभी को बधाई देता हूं, और ये बहुत जरूरी है कि हम महिलाओं को मजबूत बनाएं.’

‘हर दिन को महिला दिवस के तौर पर मनाया जाना चाहिए’
शबाना आजमी ने भा इंटरनेशनल वीमेंस डे पर अपनी राय दी. उन्होंने कहा- हर दिन को महिला दिवस के तौर पर मनाया जाना चाहिए, सिर्फ एक दिन नहीं. लेकिन ये दिन हमें इस बात की याद दिलाता है कि महिला आंदोलन ने हमें इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए कितना स्ट्रगल किया है. मुझे लगता है कि एक महिला के पास दुनिया को स्त्री के नजरिए के अलावा किसी और नजरिए से देखने का ऑप्शन नहीं है. और ये ऐसी चीज है जिसे पुरुषों और महिलाओं दोनों को समझने की जरूरत है.
उड़ने के लिए पंख देने चाहिए- ईशा देओल
एक्ट्रेस ईशा देओल ने महिलाओं के रिक्शा और टैक्सी चलाने पर खुशी जाहिर की. इसके बाद उन्होंने कहा- महिलाएं हर फील्ड में आगे हैं. ये देखकर बहुत अच्छा लगता है. हमें अपने सपनों को कभी नहीं भूलना चाहिए. उसे (महिला को) उड़ने के लिए पंख देने चाहिए, चाहे वो आपकी बेटी हो, बहू हो, बहन हो या मां हो.
मोना सिंह ने फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के रोल पर की चर्चा
मोना सिंह ने आईएएनएस से बातचीत में फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं को मजबूत किए जाने को लेकर जोर दिया. उन्होंने कहा, ‘मेरी राय में हमारे मनोरंजन जगत में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सबसे अहम बदलाव महिलाओं की लीडरशिप और उसकी विविधता को बढ़ावा देने के साथ ही ज्यादा बराबरी के मौके मुहैया कराने की जरूरत है. मुझे लगता है कि कैमरे के सामने और पीछे दोनों जगह महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाकर, उन्हें अधिक बारीक या अलग हटकर भूमिका निभाने की छूट देकर उनके लिए बेहतर किया जा सकता है.’