- आगरा सेन्ट्रल जेल से भारी सुरक्षा के बीच पूर्व सांसद की हमीरपुर कोर्ट में हुई पेशी
- सामूहिक हत्याकाण्ड में उम्रकैद की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी मुहर
हमीरपुर । बहुचर्चित सामूहिक हत्याकाण्ड में सुप्रीम कोर्ट से भी उम्रकैद की सजा बहाल होने के बाद पूर्व सांसद अशोक सिंह चंदेल को सोमवार को आगरा सेंट्रल जेल से अपहरण के एक मामले में पुलिस अभिरक्षा में एमपी एमएलए कोर्ट में पेश किया गया, जहां चंदेल के विरुद्ध धारा 365 आईपीसी के तहत आरोप तय हो गया है। इस दौरान न्यायालय परिसर के अंदर और बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। गत पेशी में चंदेल समर्थकों की भीड़ के मद्देनजर इस बार पुलिस ने किसी को भी कोर्ट के अंदर और बाहर फटकने नहीं दिया। हालांकि इस बार के पेशी में चंदेल समर्थकों के चेहरों में मायूसी के भाव थे।
वर्ष 2007 में अशोक सिंह चंदेल सहित आठ लोगों के खिलाफ रमेड़ी मोहल्ला निवासी पप्पू कुशवाहा ने सदर कोतवाली में अपहरण और मारपीट की एफआईआर दर्ज कराई थी। उक्त घटना वर्ष 2006 में घटित हुई थी। 2007 में प्रदेश में बसपा की सरकार बनने के बाद पुराने मामलों में एफआईआर दर्ज कराने को खोले गए विशेष काउंटर में चंदेल के विरुद्ध उक्त मामला आया था। उस वक्त चंदेल सदर सीट से सपा के विधायक था।
सामूहिक हत्याकाण्ड में निचली अदालत से बरी होने के बाद अशोक सिंह चंदेल सहित इसके दस साथियों को वर्ष 2019 में हाईकोर्ट ने हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जिसके बाद से चंदेल आगरा की सेंट्रल जेल में बंद है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने भी चंदेल और उसके साथियों को हाईकोर्ट से सुनाई गई उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है।
इस फैसले से चंदेल का चार दशक लंबा राजनैतिक कैरियर डूब गया। उधर, सहायक अभियोजन अधिकारी सत्येंद्र सिंह ने बताया कि एमपी/एमएलए कोर्ट सीमा सिंह की अदालत में अशोक सिंह चंदेल की पेशी में धारा 365, 341, 323, 506, 149 आईपीसी का चार्ज बना है। सुनवाई की अगली तारीख 15 नवंबर तय की गई है।