नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने आयकर रिफंड धोखाधड़ी करने के मामले में दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान वीबीएमसीएस सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक नितिन मेहता और निकुंज डुडेजा के रूप में हुई है। आर्थिक अपराध शाखा की टीम को इनकी तलाश 2019 से थी। इन पर आईपीसी की धारा 409/420/467/468/471/120बी/34 तहत दर्ज मामला दर्ज है। यह केस आयकर विभाग के द्वारा 2019 में दर्ज कराया गया था।
डीसीपी एम आई हैदर ने रविवार को बताया कि डीसीआईटी से एक शिकायत प्राप्त हुई थी कि जांच प्रक्रिया के दौरान आयकर विभाग ने पाया कि कुछ फर्जी करदाताओं को संदिग्ध तरीके से किसी भी रिफंड आवेदन की प्राप्ति के बिना कुछ रिफंड जारी किए गए हैं।
फाइनेंशियल ईयर 2012-13, 2013-14 और 2014-15 के लिए 20 निर्धारिती को 3.36 करोड़ रुपए का रिफंड राशि वितरित की गई। इसके अलावा उनके फॉर्म 26ए एस में दर्शाए गए टीडीएस से पता चला कि टीडीएस उन कंपनियों द्वारा काटा गया था। जबकि उनके बैंक खाते किसी भी असाइनमेंट के लिए प्राप्त किसी भी भुगतान को प्रतिबिंबित नहीं करता था।
जांच से आगे पता चला कि फर्जी करदाताओं के 20 बैंक खातों में से 19 बैंक खाते वीबीएमसीएस सेल्स प्राइवेट लिमिटेड की सिफारिश पर खोले गए थे। लिमिटेड और निर्धारिती कंपनी के कर्मचारी के रूप में दिखाया गया था। शिकायतकर्ता की जांच की गई और संबंधित दस्तावेज जब्त कर लिए गए। बैंक विवरणों का विश्लेषण किया गया। तब पता चला कि फर्जी खातों में एक बड़ी राशि इकट्ठा की गई और बाद में निकाल भी ली गई।
आरोपित नितिन मेहता और निकुंज डुडेजा वीबीएमसीएस सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं। दोनों आरोपित बी.कॉम, एलएलबी, एमबीए और सीए ड्रॉप आउट हैं और उन्होंने सीए के साथ भी काम किया है। वे धोखाधड़ी के अन्य मामलों में भी शामिल पाए गए हैं। वहीं पुलिस मामले में आगे की जांच कर रही है।