देश कि राजधानी दिल्ली (Delhi) में पिछले एक महीने से कोरोना (Corona) के नए मामले लगातार बढ़ रहे हैं. दिल्ली में पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 1,329 नए मामले दर्ज किए गए हैं. एक्टिव मरीजों (Active cases) की संख्या 5744 हो गई है. देश में फिलहाल 19,500 एक्टिव केस हैं. इस लिहाज से देखें तो देश के कुल एक्टिव मामलों में से करीब 30 फीसदी केवल दिल्ली में हैं. हालांकि राहत की बात यह है कि राजधानी में मरीजों की तुलना में हॉस्पिटलाइजेशन काफी कम हो रहा है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि दिल्ली में बढ़ रहे मामले किसी नई लहर का संकेत नहीं हैं. जल्द ही केस कम होने की उम्मीद है.
सफदरजंग अस्पताल के मेडिसिन विभाग के एचओडी प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर कहते हैं कि इस बार दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ने की दर सामान्य है. इसे किसी नई लहर का संकेत कहना ठीक नहीं है. क्योंकि इस बार कोरोना की तुलना पिछली तीन लहरों से करें तो मरीजों की बढ़ने की दर हो या पॉजिटिविटी रेट सभी पैरामीरट कंट्रोल में है. हॉस्पिटलाइजेशन भी न के बराबर है. लोगों को कोरोना से वायरस जैसे ही लक्षण हैं. ऐसे में पैनिक वाली कोई बात नहीं है. फिलहाल कोरोना का ग्राफ दर्शा रहा है कि महामारी एंडेमिक स्टेज में ही है. ऐसे में जब तक नया वैरिएंट नहीं आता. अगली किसी लहर का खतरा नहीं है.
फिलहाल कुछ दिन और बढ़ेंगे केस
एम्स के क्रिटिकल केयर विभाग के प्रोफेसर डॉ. युद्धवीर सिंह बताते हैं कि फिलहाल उम्मीद है कि जल्द ही राजधानी में कोरोना केस कम जल्द ही कम होने लगेंगे. एक्टिव केस छह से 10 हजार के बीच पहुंचने के बाद संक्रमण का ग्राफ घट सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि अभी भी एक बड़ी आबादी में कोरोना के खिलाफ इम्यूनिटी मौजूद है. फिलहाल वह लोग संक्रमित हो रहे हैं, जो ओमिक्रॉन में नहीं हुए थे. ऐसे लोगों की संख्या काफी कम है.डॉ. के मुताबिक, इस बार न तो अस्पतालों में मरीजों की भीड़ होगी और मौतों के आंकड़े भी नहीं बढ़ेंगे. सिर्फ उन्हीं लोगों को खतरा होगा जिन्हें पहले से कोई गंभीर बीमारी है.
मास्क लगाना न भूलें
डॉ. युद्ववीर का कहना है कि कोरोना भले ही कंट्रोल में है, लेकिन लोगों को मास्क लगाने में कोई लापरवाही नहीं करनी चाहिए. खासतौर पर बुजुर्ग और सांस संबंधित बीमारियों वाले मरीजों को मास्क जरूर लगाना चाहिए. ऐसे लोगों का संक्रमण से बचना जरूरी है. मास्क कोरोना से और अन्य गंभीर बीमारियों से भी बचाव करेगा.