नई दिल्ली । दक्षिण-मध्य अरब सागर से उठा चक्रवात बिपरजॉय गुजरात के 940 गांवों से होता हुआ अब राजस्थान की ओर बढ़ रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, बिपरजॉय से देश के कई प्रदेशों का मौसम प्रभावित हुआ है। लैंडफॉल के कारण आगामी चार दिनों में गर्मी से तप रहे राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भारी बारिश होगी। वेदर फॉरकास्टिंग एजेंसी स्काइमेट का भी यही पूर्वानुमान है। गुजरात में बिपरजॉय तूफान के जखौ तट से टकराने के बाद भारी नुकसान हुआ है । इसका असर कच्छ-सौराष्ट्र 8 जिलों में रहा। यह अपने पीछे भारी तबाही छोड़ हो गया। जगह-जगह पेड़ और खंभे गिर गए। तूफान के कारण भावनगर में 2 लोगों की मौत हुई। 22 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
चक्रवात के तटीय हिस्सों से टकराने के कुछ घंटे पहले से ही तेज हवा के साथ वर्षा शुरू हुई। जखाऊ के पास जिस वक्त चक्रवात तट से टकराया, उस वक्त हवा की गति अलग-अलग स्थानों पर लगभग 115 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे रही। बिपरजॉय पिछले तीन वर्षों में दूसरा सबसे शक्तिशाली चक्रवात है। इससे पहले मई, 2021 में ‘टोक्टे’ ने तबाही मचाई थी। बिपरजॉय अरब सागर का सबसे लंबे जीवनकाल वाला चक्रवात भी बन गया है।
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात के कच्छ जिले के जखाऊ बंदरगाह के पास गुरुवार शाम करीब 6 बजे टकराया। यह हलचल आधी रात तक रही। इस दौरान सौराष्ट्र-कच्छ में भारी बारिश और 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। तेज हवा और धूल के कारण कच्छ, द्वारका, जामनगर और गिर सोमनाथ आदि जिलों में विजिबिलिटी कम हो गई है।
बिपरजॉय गुजरात के कच्छ जिले में स्थित जखाऊ पोर्ट के पास तट से टकराने के बाद अब आगे बढ़ गया है। इसके प्रभाव से तेज हवा और भारी वर्षा ने कच्छ और सौराष्ट्र को बुरी तरह प्रभावित किया है। तेज हवा के कारण कई जगह पेड़, होर्डिंग्स और बिजली के खंभे उखड़ गए और घरों के ऊपर से टीन शेड उड़ गए। कई इलाके अंधेरे में डूब गए। ऊंची लहरों से स्थिति भयावह हो गई। कुछ जगहों पर साढ़े सात मीटर तक लहरें उठीं।
गुजरात में चक्रवात का असर अभी भी बरक़रार है। कच्छ में मांडवी, नलिया, नारायण सरोवर, जाखौ बंदर, मुंद्रा और गांधीधाम, अहमदाबाद समेत पूरे राज्य में तेज बारिश हो रही है। 90 से 125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। पूरे मांडवी में 18 घंटे से बिजली नहीं है। इससे लोग परेशान हैं। पिछले 24 घंटों में कच्छ में 2 से 7 इंच बारिश हुई है।
केंद्र और राज्य सरकार ने सावधानी बरतते हुए तटीय इलाकों से एक लाख से अधिक लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था । पोर्ट बंद कर दिए गए । उड़ानें एवं ट्रेनों का परिचालन रोक दिया। पश्चिम रेलवे ने लगभग 99 ट्रेनों को निरस्त कर दिया है।
चक्रवात के तटीय हिस्सों से टकराने के कुछ घंटे पहले से ही तेज हवा के साथ वर्षा शुरू हुई। जखाऊ के पास जिस वक्त चक्रवात तट से टकराया, उस वक्त हवा की गति अलग-अलग स्थानों पर लगभग 115 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे रही। बिपरजॉय पिछले तीन वर्षों में दूसरा सबसे शक्तिशाली चक्रवात है। इससे पहले मई, 2021 में ‘टोक्टे’ ने तबाही मचाई थी। बिपरजॉय अरब सागर का सबसे लंबे जीवनकाल वाला चक्रवात भी बन गया है। अबडासा के सुजापर गांव का प्रवेश द्वार जमींदोज हो गया। कच्छ में बड़ी संख्या में खजूर के पेड़ धराशायी हुए हैं। कच्छ जिले की सभी पवनचक्की को बंद कर दिया गया है। 17 जून तक पवनचक्की को बंद रखने का प्रशासन ने सूचना दी है। गुजरात सार्वजनिक सेवा आयोग ने सहायक वन संरक्षक की परीक्षा रद्द करने की घोषणा की है। यह परीक्षा 19, 21 और 23 जून को होनी थी।
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवात का केंद्र (आई) करीब 50 किलोमीटर में दायरे में फैला है। इससे इसकी गंभीरता का पता चलता है। चक्रवात के अरब सागर में आगे बढ़ने के दौरान समुद्र में 10 से 14 मीटर तक ऊंची लहरें उठी थीं।
गुरुवार को तट से टकराने के बाद नवलखी क्षेत्र में 7.5 मीटर लहरें उठती देखी गईं। द्वारका के संगम नारायण मंदिर से भी ऊंची लहरें उठीं। गुजरात में तेज हवाओं के चलते सैकड़ों पेड़ गिर गए। मोबाइल टॉवर क्षतिग्रस्त हुए, बिजली के खंभे उखड़ गए। बिजली कटौती के कारण कई इलाकों में अंधेरा छा गया। अधिकारी के मुताबिक, मोरबी के मलिया तालुका में दो बिजली स्टेशनों को बंद कर दिया गया है। तटीय और रेगिस्तानी इलाकों में 300 से ज्यादा बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त हो गए।
राजस्थान के बाद चक्रवात दिल्ली-हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ेगा। 18 जून से अगले एक-दो दिनों तक दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों में भी 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। कुछ जगह वर्षा भी हो सकती है। इसके बाद पूरे उत्तर भारत के तापमान में गिरावट आएगी। बिहार और झारखंड में चक्रवात के असर से 18 जून के बाद तापमान में भी गिरावट आएगी।
गुजरात में चक्रवात का असर अभी भी बरक़रार है। कच्छ में मांडवी, नलिया, नारायण सरोवर, जाखौ बंदर, मुंद्रा और गांधीधाम, अहमदाबाद समेत पूरे राज्य में तेज बारिश हो रही है। 90 से 125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। पूरे मांडवी में 18 घंटे से बिजली नहीं है। इससे लोग परेशान हैं। पिछले 24 घंटों में कच्छ में 2 से 7 इंच बारिश हुई है।
मौसम विभाग के मुताबिक, गुजरात के साथ दक्षिण-पश्चिम राजस्थान के कई इलाको में शुक्रवार को भारी बारिश होगी। ऐसा अनुमान है कि शुक्रवार दोपहर तक तूफान कमजोर पड़ जाएगा। हालांकि शनिवार को भी इसका असर राजस्थान में देखा जा सकता है। रविवार को पूर्वी राजस्थान, उससे सटे हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग के मुताबिक, इस तूफान ने राजस्थान में एंट्री डिप्रेशन के रूप में प्रवेश किया है। सबसे ज्यादा समय तक पाकिस्तान-गुजरात की सीमा के पास बाड़मेर में रहेगा। यह शुक्रवार देर शाम तक बालोतरा, जोधपुर की सीमा तक आकर कमजोर पड़ सकता है।
इस तूफान के प्रभाव से राजस्थान के 5 जिलों में अति भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट, जबकि 13 जिलों में भारी बारिश की आशंका जताते हुए यहां के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अनुमान है कि 24 घंटे के दौरान राजस्थान के कुल जिलों में 200 मिमी (8 इंच) या उससे ज्यादा बारिश हो सकती है।