भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 28 मार्च 2025 को समाप्त सप्ताह के दौरान 6.596 अरब डॉलर बढ़कर 665.396 अरब डॉलर हो गया है। यह लगातार चौथा हफ्ता है, जब देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार में 4.53 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी। यह वृद्धि खासतौर पर रुपये की अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए RBI के हस्तक्षेप और मुद्रा पुनर्मूल्यांकन के कारण हुई है।
विदेशी मुद्रा आस्तियां
विदेशी मुद्रा आस्तियां भी बढ़ी हैं, जो कि 28 मार्च को समाप्त सप्ताह में 6.16 अरब डॉलर बढ़कर 565.01 अरब डॉलर हो गईं। इन आस्तियों में डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं का प्रभाव भी शामिल होता है।
गोल्ड रिजर्व का बढ़ना
इस दौरान देश के स्वर्ण भंडार में भी वृद्धि हुई है। स्वर्ण भंडार 519 मिलियन डॉलर बढ़कर 77.79 बिलियन डॉलर हो गया है। इसके साथ ही, विशेष आहरण अधिकार (SDR) में 65 मिलियन डॉलर की कमी आई, जो अब 18.18 बिलियन डॉलर रह गए हैं।
IMF के पास रिजर्व भंडार
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास भारत का रिजर्व भंडार 1.6 करोड़ डॉलर घटकर 4.41 अरब डॉलर रह गया है।

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फॉरेक्स रिजर्व का महत्व
विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग विभिन्न आर्थिक जरूरतों के लिए किया जाता है, जैसे कि:
- वैश्विक देनदारियों का भुगतान: भारत को अंतरराष्ट्रीय लेन-देन के लिए अपने फॉरेक्स रिजर्व का उपयोग करना पड़ता है।
- मौद्रिक नीति का क्रियान्वयन: रिजर्व बैंक इसका इस्तेमाल घरेलू मुद्रा की स्थिरता बनाए रखने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए करता है।
- विदेशी कर्ज की चुकौती: भारत को विदेशों से लिए गए कर्ज को चुकाने के लिए फॉरेक्स रिजर्व का सहारा लिया जाता है।
- विदेशी खर्चों की जरूरतें: भारतीय नागरिकों द्वारा विदेश में किए गए खर्च, जैसे शिक्षा, चिकित्सा, या पर्यटन, के लिए भी विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग किया जाता है।
भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी इस दौरान बढ़ा है, जो दर्शाता है कि अन्य देशों में भी इस समय फॉरेक्स रिजर्व के महत्व पर ध्यान दिया जा रहा है।
क्या आपको लगता है कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में यह वृद्धि देश की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करेगी?