हमीरपुर । करीब तीस साल पहले एक नाबालिग किशोरी को अगवा कर उसके साथ बलात्कार करने के मामले में शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीसी प्रथम) कोर्ट ने एक आरोपी को दोष साबित होने पर सात साल का कठोर कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 17 हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया है।
सहायक शासकीय अधिवक्ता चन्द्रप्रकाश गोस्वामी व राजेश तिवारी ने बताया कि जिले के कुरारा थाना क्षेत्र के एक गांव में 1992 में मकर संक्रांति के दिन रास्ते से एक नाबालिग किशोरी को अगवा कर उसके साथ बलात्कार किया गया था। किशोरी को जबरदस्ती एमपी के भिंड ले जाया गया, जहां उसके साथ फिर बलात्कार किया गया था। डेढ़ माह बाद आरोपी के पिता ने किशोरी को लेकर यहां कुरारा कस्बे में छोड़ा था। जहां से पुलिस ने किशोरी को कब्जे में लेकर मेडिकल परीक्षण और बयान कराए थे। बताया कि इस घटना की तहरीर पर रामचरन सिंह समेत पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था।
आज इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी प्रथम सुशील कुमार ने की। दोष साबित होने पर आरोपी रामचरन सिंह को सात साल का कठोर कारावास व 17 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा दी है। वहीं दोष साबित न होने पर अन्य आरोपितों को बरी कर दिया गया है।
Hamirpur
हमीरपुर। बुन्देलखंड में तमाम इलाके रेलवे सुविधा से वंचित हैं। आजादी के 75 साल बाद पहली बार महोबा से भिंड तक 217 किमी के रेलवे मार्ग के फाइनल लोकेशन सर्वे कराए जाने का फैसला रेलवे मंत्रालय ने किया। इसके लिए 5.43 करोड़ रुपये का फंड भी रिलीज कर दिया गया है। सांसद की इस बड़ी पहल से हमीरपुर और उरई के तमाम पिछड़े ग्राम, विकास के नए आयाम हासिल कर सकेेंगे।
बुन्देलखंड के हमीरपुर, जालौन सहित कई ग्रामीण इलाके और कस्बे आज भी रेलवे की सुविधा से वंचित थे। हमीरपुर के राठ क्षेत्र में रेलवे लाइन की डिमांड भी पिछले आठ सालों से लोग कर रहे थे। हमीरपुर, महोबा और तिंदवारी क्षेत्र के सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल ने इसके लिए बड़ी पहल की। सांसद ने न सिर्फ लोकसभा में यह मामला रखा, बल्कि रेलवे मंत्री को भी पत्र देकर महोबा से भिंड तक बनने वाले 217 किमी रेलवे मार्ग में तीन जंक्शन सहित रेलवे स्टेशन बनवाए जाने की मांग की थी।
सांसद की मांग को लेकर रेलवे बोर्ड ने बड़ा फैसला लेते हुए रेल मार्ग के लिए लोकेशन सर्वे कराए जाने के आदेश दे दिए हैं। सांसद ने बताया कि रेलवे बोर्ड के डायरेक्टर-जीएस (सिविल)-11 अभिषेक जगावत ने 5.43 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया है। बताया कि अब जल्द ही महोबा से भिंड तक 217 किमी रेलवे मार्ग का फाइनल लोकेशन सर्वे होगा।
बता दें कि तीन माह पूर्व रेलवे के झांसी मण्डल के प्रबंधक आशुतोष कुमार ने सीनियर मंडल अभियंता समन्वय झांसी आशुतोष चौरसिया, उपमुख्य अभियंता निर्माण सोमनाथ व अन्य तकनीकी टीम के साथ यहां स्थलीय सर्वे किया था। वर्ष 2011-12 में हुए सर्वे को प्राथमिकता में रखा गया है। साथ ही वैकल्पिक तौर पर बुन्देलखंड एक्सप्रेस वे की पट्टी किनारे से भी रेलवे लाइन निकाली जा सकती है।
217 किमी रेलवे मार्ग में बनेंगे तीन जंक्शन व 20 स्टेशन
राज्यसभा सांसद बाबूराम निषाद ने शनिवार को बताया कि महोबा से भिंड तक 217 किमी रेलवे मार्ग में तीन जंक्शन व बीस स्टेशन बनाए जाने के लिए मोदी सरकार ने बुन्देली जनता को बड़ी सौगात दी है। इससे इस पिछड़े क्षेत्र के तमाम गांवों में तेजी से विकास होगा। क्षेत्र के सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल ने बताया कि 217 किमी रेलवे मार्ग में महोबा, भिंड व उरई जंक्शन के साथ ही उमरी, बोनापुरा, चतरथ, माधोगढ़, बंगरा, डकोर, वीरपुरा, जालौन, सरसोकी, रिहुंटा, धमना, गोहांड, राठ, कुरारा, सबुआ, चरखारी में रेलवे स्टेशन बनेंगे।
तीन जिलों के दर्जनों गांवों को मिलेगी रेलवे की बड़ी सौगात
बुन्देलखंड एक्सप्रेस वे चालू होने के बाद सांसद सहित अन्य जन प्रतिनिधियों ने यहां रेलवे लाइन की सौगात दिलाने के लिए बड़ी पहल की। महोबा से चरखारी व राठ होते हुए उरई तक रेलवे लाइन बिछाई जाने की सांसद की मांग पर रेल मंत्री ने तत्काल रेलवे के बड़े अफसरों को निर्देश देकर पूरी रिपोर्ट मांगी थी। उनके निर्देश पर रेलवे के अफसरों की टीम ने यहां सर्वे किया था। अब रेलवे बोर्ड से हरी झंडी मिलने के बाद रेलवे मार्ग का फाइनल लोकेशन सर्वे जल्द ही शुरू होगा। बताते हैं कि इसके लिए फंड भी रिलीज हो गया है।