राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर के आखिरी दिन राहुल गांधी ने कांग्रेसियों में जोश भरा है। राहुल गांधी ने कांग्रेसियों से कहा कि देश के लोगों के साथ पार्टी का जो संपर्क टूट गया है अब उसे फिर से जोड़ना होगा। इस दौरान राहुल गांधी ने एक ऐसी बात बोल दी जिससे तमाम क्षेत्रीय दल भड़क गए हैं। कांग्रेसियों में जोश भरने के लिए राहुल गांधी ने चिंतन शिविर में कहा कि केवल कांग्रेस ही बीजेपी को हरा सकती है क्षेत्रीय पार्टियां नही क्योंकि उनकी कोई विशेष विचारधारा नही है।
राहुल की यही बात क्षेत्रीय पार्टियों को अखर गई और उन्होंने राहुल को आडे़ हाथों ले लिया है। कांग्रेस की सहयोगी JMM, RJD ने नाराजगी जाहिर की है। चिंतन शिविर के आखिरी दिन राहुल गांधी ने बीजेपी और आरएसएस पर जमकर हमला बोला है। मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि केवल कांग्रेस ही बीजेपी को हरा सकती है। क्षेत्रीय पार्टियां नहीं हरा पाएंगी।
उन्होंने कांग्रेसियों से पूछा कि कौन सी राजनीतिक पार्टी इस तरह के संवाद की अनुमति देती है? एक ऐसा संवाद हुआ जिसमें सबसे वरिष्ठ नेतृत्व को खुलकर और बेझिझक यह बताया गया कि कांग्रेस पार्टी क्या महसूस करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संवाद का मंच प्रदान करती है जो BJP, RSS और क्षेत्रीय पार्टियों में संभव नहीं है क्योंकि देश के लोगों के बीच संवाद कांग्रेस के DNA में है।
राहुल गांधी के बयान पर जेडीएस नेता कुमार स्वामी ने पलटवार किया है। कुमार स्वामी ने कहा कि राहुल गांधी को यह नहीं भूलना चाहिए कि कांग्रेस ने 10 साल सत्ता का मजा सिर्फ क्षेत्रीय दलों के भरोसे ही लिया है। कुमार स्वामी ने कहा कि आईके गुजराल की अगुवाई में संयुक्त मोर्चा की सरकार को कांग्रेस ने इसलिए गिरा दिया था क्योंकि उसकी मांग थी कि डीएमके को कैबिनेट से बाहर रखा जाए।
कांग्रेस का उस समय कहना था कि डीएमके का राजीव गांधी की हत्या करने वाले संगठन लिट्टे से लिंक है। लेकिन कुछ सालों बाद इसी कांग्रेस ने डीएमके से रिश्ता जोड़ लिया था। कुमारस्वामी ने ट्वीट कर पूछा, ‘डीएमके के साथ 10 साल सत्ता में रहकर मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए-1 और यूपीए-2 सरकार चलाना क्या कोई वैचारिक प्रतिबद्धता थी?
आरजेडी प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने कहा कि क्षेत्रीय दल बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में लोकसभा में बड़ी संख्या में सीटों के साथ मजबूत स्थिति में हैं और कांग्रेस को लोकसभा की 543 सीटों में से 320 में से अधिक पर क्षेत्रीय दलों के सदस्यों को देखते हुए उन्हें ‘ड्राइविंग सीट’ पर रहने देना चाहिए और खुद ‘सहयात्री’ बन जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी यह बात कही है।