City Headlines

Home Bihar जहरीली शराब कांड पर भड़के नितीश कुमार , कहा जो शराब पियेगा वो मरेगा, नहीं देंगे मुआवजा

जहरीली शराब कांड पर भड़के नितीश कुमार , कहा जो शराब पियेगा वो मरेगा, नहीं देंगे मुआवजा

बिहार के छपरा जिले में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 39 पहुंची

by Suyash
New Delhi, Patna, JDU, Janata Dal United, Delhi, CM, Nitish Kumar, Bihar Government, Minister, UP, Uttar Pradesh, Shravan Kumar, Satyendra Patel

पटना। बिहार के सारण में हुए जहरीली शराब कांड को लेकर चारो तरफ हंगामा मचा हुआ है। बिहार विधानसभा में जहां विपक्ष मुख्या मंत्री नितीश कुमार सरकार पर हमलावर है तो बढ़ते हमलों का जवाब देते हुआ नितीश कुमार ने इस कांड में मरने वाले लोगो के आश्रितों को मुआवजा देने की मांग को सिरे से नकार दिया है। उनका कहना है कि जो शराब पियेगा वो तो मरेगा ही । सरकार इसके लिए मुआवजा क्यों दिया जाये। दूसरी तरफ जहरीली शराब पीने से मरने वालों कि तादाद बढ़कर 39 हो गयी है।
आज जब नीतीश कुमार विधानसभा पहुंचे तो भाजपा के नेता पोर्टिको में उनके ख़िलाफ़ नारेबाज़ी कर रहे थे जिसको लेकर नितीश कुमार ने नाराजगी जताई। जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई भाजपा के सदस्य शोर करने लगे। बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जयसवाल ने आज इस पर कहा, “जब तक बड़े पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक शराबबंदी को लागू नहीं किया जा सकता है. इसमें नीतीश कुमार का वेस्टेड इंटरेस्ट (निहित स्वार्थ) है.”

इस पर नीतीश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा, “भाजपा सरकार से बाहर गई है, इसलिए इतना आक्रामक है. देश भर में लोग जहरीली शराब से मरते हैं. बिहार में शराबबंदी से पहले भी मौतें भी होती थीं. जो शराब पिएगा, वह मरेगा ही.”

वहीं राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि ज़हरीली शराब से मौत को लेकर भाजपा का शोर दरअसल सत्ता से निष्कासित होने की बेचैनी का इज़हार है. शराब को लेकर एक राष्ट्रीय नीति बननी चाहिए. गुजरात में शराबबंदी है, लेकिन वहां शराब की होम डिलीवरी है. अभी इसी वर्ष जुलाई में ज़हरीली शराब से वहां 57 लोगों की मृत्यु हो गई. कई अंधे हो गए. जबकि उस इलाक़े के लोगों ने पुलिस को एक बार नहीं कई बार अवैध ढंग से शराब की बिक्री की शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई और उसका नतीजा हुआ ज़हरीली शराब से 57 आदमी मौत के शिकार हो गए.
शिवानंद तिवारी ने कहा कि गुजरात तो नरेंद्र भाई मोदी का राज्य है. लंबे समय तक वहां उनकी सरकार रही है. उनके शासन का वहां एक मॉडल बना था. उसी का शोर मचा कर वे दिल्ली की तख़्त पर आरूढ़ हो गए. अभी वहां विधानसभा चुनाव में उनको अभूतपूर्व समर्थन मिला. बावजूद इसके वहां अवैध शराब की होम डिलीवरी हो रही है. बिहार में जब शराबबंदी नहीं थी, उस समय भी अवैध ढंग से शराब बनाया जाता था. उससे भी मौतें होती थीं.

मरने वालों की संख्या 39 हो गई

उधर ताज़ा जानकारी के अनुसार जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 39 हो गई है। मृतकों के परिजनों का दावा है कि सभी लोग जहरीली शराब पीने से मरे हैं।

छपरा सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बातचीत में बताया कि सभी की मौत जहरीली शराब से होने की बात ही दिख रही है। उन्होंने कहा कि हिस्ट्री से ऐसा ही प्रतीत हो रहा है कि सभी ने जहरीली शराब पी थी। उन्होंने मौत की मुख्य वजह समय पर अस्पताल न पहुंचना बताया है। उन्होंने कहा कि जब मरीजों की हालात नाजुक हो रही है तो परिजन अस्पताल लेकर पहुंच रहे हैं। उन्होंने मृतकों की सही संख्या पर कहा कि अभी तक पांच का पोस्टमार्टम हो चुका है और अन्य पांच का पोस्टमार्टम किया जा रहा है।
एसपी एस कुमार के मुताबिक ये सभी मौतें संदिग्ध हालात में हुई हैं। कुछ और लोगों का अलग-अलग जगहों पर इलाज चल रहा है। मढौरा डीएसपी ने मौके पर पहुंचकर छानबीन शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों के मुताबिक मशरख और इसुआपुर इलाके में देसी शराब की बड़ी खेप पहुंची थी, जिसे 50 से ज्यादा लोगों ने पिया था। सभी ने 20-20 रुपये में देसी शराब के पाउच खरीदकर पीया था। सभी लोग एक किलोमीटर के दायरे में आसपास रहते हैं।
परिजनों के मुताबिक सभी ने शराब पी थी। इसके बाद उल्टी-दस्त की शिकायत होने लगी। थोड़ी देर में आंखों से दिखाई देना बंद हो गया। जैसे ही घर लौटे तो कुछ देर बाद तबीयत बिगड़ने लगी। अचानक से तेज बुखार चढ़ गया। उल्टियां होने लगीं और पेट दर्द की शिकायत होने लगी। अस्पताल ले जाने के दौरान ही मंगलवार की रात पांच लोगों की मौत हो गई थी। बाकी की मौत बुधवार को इलाज के दौरान हुई है।