नई दिल्ली । गुजरात और हिमाचल प्रदेश में कड़ी सुरक्षा के बीच सवेरे आठ बजे से मतगणना शुरू हो गयी । करीब दस बजे तक मिले रुझानों के अनुसार हिमांचल प्रदेश में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में कांटे की टक्कर चल रही है। वहीं गुजरात चुनाव के नतीजे एकतरफा रुझान दिखा रहे हैं। गुजरात में भाजपा अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की ओर बढ़ रही है। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार गुजरात में भाजपा 150 , कांग्रेस 19 और आम आदमी पार्टी 9 सीटों पर आगे चल रही है। यानि भाजपा बहुमत के आंकड़े से कहीं आगे निकल गई है। वहीं हिमांचल में प्रदेश में कुल 68 सीटों में कांग्रेस 33 और भाजपा 32 सीटों पर आगे चल रही है। यहाँ अन्य के खाते में 3 सीटें जाती दिख रही हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट, रामपुर और खतौली विधानसभा सीट, ओडिशा की पद्मपुर, राजस्थान की सरदारशहर, बिहार की कुरहानी और छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव के परिणाम भी घोषित होंगे। मैनपुरी में समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव 27000 से अधिक मतों से आगे चल रही हैं।
जहाँ तक गुजरात की 182 विधानसभा सीटों की बात है वहां वोटों की गिनती जारी है। 2017 के मुकाबले इस बार दोनों ही चरणों में कम मतदान हुआ। पहले चरण में 60.20 लोगों ने वोट डाला था, जबकि पांच दिसंबर को हुए दूसरे चरण में 64.39 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना शुरू हो गई है। पोस्टल बैलेट के शुरुआती रुझानों में कांग्रेस और भाजपा में कांटे की टक्कर है। प्रदेश में 37 साल पुरानी परंपरा कायम रहेगी या नया इतिहास बनेगा, ये गुरुवार को दोपहर तक साफ हो जाएगा। हिमाचल में 12 नवंबर को वोटिंग हुई थी।
राज्य में 1985 के बाद कोई पार्टी अपनी सरकार रिपीट नहीं कर पाई है। तब कांग्रेस की सरकार थी और मुख्यमंत्री थे वीरभद्र सिंह। इस बार सबकी नजर इसी बात पर है कि क्या पहाड़ पर सरकार बदलने का ट्रेंड जारी रहेगा या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे के सहारे भाजपा इस रिवाज को बदलने में कामयाब रहेगी।
हिमांचल में हालाँकि नतीजे साफ नहीं हुए हैं लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा वीरभद्र सिंह ने सीएम पद का दावा ठोंक दिया है । उन्होंने कहा- राज्य के लोग चाहते हैं कि वीरभद्र परिवार का कोई व्यक्ति राज्य के विकास की विरासत को आगे बढ़ाए।
11 में से 7 मंत्री कांटे के मुकाबले में फंसे
हिमाचल प्रदेश में हर बार 45 से 75% मंत्रियों के चुनाव हारने का भी ट्रेंड रहा है। इस बार भी जयराम ठाकुर के 11 में से 7 मंत्री कांटे के मुकाबले में फंसे हैं। दो मंत्रियों की तो सीट भी बदली गई। इनमें शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज को शिमला शहरी सीट की जगह कसुम्पटी से और वनमंत्री राकेश पठानिया को कांगड़ा जिले की नूरपुर सीट की जगह फतेहपुर से उतारा गया।