प्रधानमंत्री मोदी की एक महत्वपूर्ण परियोजना में भारतीय रेलवे द्वारा अब भविष्य में यात्रियों के लिए 3-4 साल में वेटिंग लिस्ट को पूरी तरह से समाप्त करने की योजना बनाई गई है,रेलवे ने लगभग 3000 नई ट्रेनें जोड़ने का निश्चय किया है। वर्तमान में 10748 ट्रेनें चल रही हैं और इसे बढ़ाकर 13000 तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है। मोदी सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले 3 सालों में सभी यात्रियों को कन्फर्म टिकट उपलब्ध कराना और यात्री क्षमता को 800 करोड़ से बढ़ाकर 1,000 करोड़ प्रति वर्ष तक ले जाने का प्रयास किया जाएगा।
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रेलवे अधिकारियों का कहना है कि उनका लक्ष्य है अधिक ट्रेनें जोड़ने और रेल नेटवर्क की क्षमता बढ़ाना ताकि सुनिश्चित किया जा सके की 2027-28 तक प्रत्येक यात्री को एक कन्फर्म टिकट मिले। रेल मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी बताते हैं कि यह योजना देशभर में यात्री मांग में वृद्धि के समय अनुकूल रूप से तैयार की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि अधिक पुश-पुल ट्रेनें शुरू करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, जो गति को तेज करके और लंबे सफरों के समय को 2-5 घंटे तक कम कर सकती हैं।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि,”ट्रांसपोर्टर अधिक वंदे भारत ट्रेनें, आधुनिक एलएचबी कोच और पुश-पुल ट्रेनें पेश करना जारी रखेगा, जबकि अधिक ट्रेनों के संचालन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए सालाना लगभग 4,000-5,000 किमी का नया ट्रैक भी बिछाया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमारा ध्यान सभी यात्रा को कम समय में करने और बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अधिक ट्रेनें चलाने की क्षमता बढ़ाने पर है।”
यात्रियों को त्यौहार पर होती है मशक्कत
बता दे कि फेस्टिवल सीजन में ट्रेनों में काफी भीड़ हो जाती है। यात्रियों को अपने परिवार और दोस्तों के पास पहुंचने के लिए जबरदस्त मेहनत करनी पड़ती है। विशेष रूप से दिवाली और छठ पर, ट्रेनें यात्रियों से भरी होती हैं, जहां पैर रखने के लिए जगह नहीं मिलती। कई लोग वेटिंग टिकट के साथ ट्रेन में सफर के लिए जबरदस्त मेहनत करते हैं। हालांकि, भारतीय रेल इस समस्या को हल करने के लिए कठोर मेहनत कर रहा है।