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बरौनी खाद कारखाना से नीम कोटेड ‘अपना यूरिया’ का रेल से डिस्पैच शुरू

जमुई के लिए भेजा गया पहला रैक

by City Headline
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बेगूसराय। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प से बनकर तैयार हुए बिहार के एकलौते खाद कारखाना हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (हर्ल) बरौनी से नीम कोटेड ”अपना यूरिया” का रेल रैक के माध्यम से डिस्पैच शुरू हो गया है।
हर्ल कारखाना से बिहार सहित अन्य प्रदेशों में रेल मार्ग से भेजने के लिए पूर्व-मध्य रेलवे के गति शक्ति कार्गो टर्मिनल से 21 वैगन वाले पहले मिनी रैक में 1228 मैट्रिक टन नीम कोटेड अपना यूरिया को बरौनी हर्ल खाद कारखाना के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अशोक बंसल ने हरी झंडी दिखाकर जमुई के लिए रवाना किया।
रेलवे द्वारा कारखाना परिसर में गति शक्ति के लिए बिछाए गए 4.2 किलोमीटर रेलवे ट्रैक से जब पहला रैक रवाना किया गया तो कारखाना कर्मी, यहां उपस्थित रेल कर्मचारी, लोडिंग-अनलोडिंग स्टाफ सहित सभी अधिकारी और कर्मी झूम उठे। पहली बार रेलवे के माध्यम से निकली यह खाद जमुई सहित आसपास के जिलों के किसानों के खेतों में जाकर फसल के साथ-साथ किसानों के चेहरे पर भी हरियाली लाएगा।
इसके साथ ही किसान कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए जा रहे कार्यों को धरातलीय रूप देगा। बिहार के इस एकलौते कारखाना में बना नीम कोटेड यूरिया ना सिर्फ खेती की लागत घटाएगा, बल्कि इससे जमीन की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी। नीम कोटेड यूरिया बनाने के लिए यूरिया के ऊपर नीम के तेल का लेप कर दिया गया है।
यह लेप नाइट्रीफिकेशन अवरोधी के रूप में काम करता है। नीम लेपित यूरिया धीमी गति से प्रसारित होता है, जिसके कारण फसलों की आवश्यकता के अनुरूप नाइट्रोजन पोषक तत्व की उपलब्धता होती है और फसल उत्पादन में भी वृद्धि होती है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक नीम कोटेड यूरिया, सामान्य यूरिया के अनुपात में पांच से दस प्रतिशत तक कम लगती है, जिससे किसान की लागत घटती है। 2014 के बाद मोदी सरकार ने सबसे पहले यूरिया की शत-प्रतिशत नीम कोटिंग सुनिश्चित करने और कालाबाजारी रोकने जैसे अहम फैसलों पर काम किया, जिससे किसानों को यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मूल मंत्र को आत्मसात कर आत्मनिर्भर बन रहे भारत में कृषि भी आत्मनिर्भर हो रही है। खास करके यूरिया की किल्लत झेल रहे बिहार के किसानों को अब खाद के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सार्वजनिक उपक्रम आईओसी, एनटीपीसी, सीआईएल, एफसीआई एवं एचएफसी के ज्वाइंट वेंचर बेगूसराय के बरौनी हर्ल से नीम कोटेड यूरिया खाद का उत्पादन शुरू हो गया है। 8387 करोड़ की लागत से बने नेचुरल गैस आधारित इस कारखाना से 3850 मैट्रिक टन ”अपना यूरिया” ब्रांड का नीम कोटेड यूरिया तथा 22 सौ टन अमोनिया का उत्पादन होगा। केंद्र सरकार के विजन के अनुसार यहां से उत्पादन और डिस्पैच शुरू होने से यूरिया की किल्लत झेल रहे किसानों को फायदा होगा।