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Home Ayodhya Ayodhya Rape Case: विधानसभा से लेकर नेताओं तक, मोईन खान के दुष्कर्म को लेकर क्या बोले सीएम,आखिर क्यों अखिलेश यादव ने की DNA टेस्ट की मांग ?

Ayodhya Rape Case: विधानसभा से लेकर नेताओं तक, मोईन खान के दुष्कर्म को लेकर क्या बोले सीएम,आखिर क्यों अखिलेश यादव ने की DNA टेस्ट की मांग ?

by karishma ganguly

Ayodhya Rape Case: अयोध्या में 12 वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार का दुष्कर्म सामने आया है और इस मामले को लेकर सबसे पहले विधानसभा में गूंज उठी है। इस मामले पर सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी और अयोध्या से सपा सांसद अवधेश प्रसाद को घेरते हुए कहा कि,” अयोध्या में एक 12 वर्षीय दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना हुई, समाजवादी पार्टी का नेता मोईन खान इस कृत्य में शामिल पाया गया, जो अयोध्या के सांसद के साथ रहता है, उन्हीं के साथ उठता है, खाता है, उनकी ही टीम का सदस्य है….. लेकिन सपा ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की, बच्ची अति पिछड़ी जाति से है… . लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया, महिलाओं की सुरक्षा में सेंध लगाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”

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क्या है पूरा मामला

बता दे कि बलात्कार का ये मामला अयोध्या के पूरा कलंदर थाना क्षेत्र का है, 12 वर्षीय बच्ची चार बहनों में सबसे छोटी है, पिता दो साल पहले ही मर गए थे। जिसके बाद उसकी मां और बहनों द्वारा मजदूरी करके गुज़ारा हो रहा था। बताया जा रहा है की लगभग ढाई महीने पहले पीड़िता खेत से मजदूरी करके वापस आ रही थी, तभी रास्ते में उसे राजू नामक व्यक्ति मिला जिसने उसे कहा कि, बेकरी मालिक मोईद खान उसे बुला रहा है।आरोप है कि मोईद ने उसका बलात्कार किया और राजू ने इस घटना का वीडियो बना लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया साथ ही दोनों वीडियो के आधार पर बच्ची को ब्लैकमेल करके उसके साथ गंदा काम कर रहे थे।
दरअसल, मामला तब सामने आया जब बच्ची 2 महीने की गर्भवती हो गई। जिसके बाद पीड़िता की मां ने बताया कि,” जब हम शिकायत लेकर चौकी पर गए तो दरोगा ने हमसे कहा कि राजू का नाम रखिए लेकिन दूसरा नाम हटा दीजिए, फिर एसपी के दखल के बाद हमारा मामला लिखा गया, हमें आरोपियों के लिए फांसी की सजा चाहिए।”

इस मामले पर सीएम योगी ने क्या कहा ?

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘आपको बुलडोजर से डर लगता है लेकिन ये निर्दोष के लिए नहीं है….. ये अपराधियों के लिए है जो प्रदेश के नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं, जो प्रदेश के व्यापारी और बेटी की सुरक्षा में सेंध लगाने का काम करते हैं, जो प्रदेश के अंदर अराजकता पैदा करके सामान्य लोगों का जीना हराम करते हैं, मेरा दायित्व बनता है… मैं यहां नौकरी करने नहीं आया हूं, कतई नहीं…. मैं यहां इस बात के लिए आया हूं कि अगर वो करेंगे तो भुगतेंगे, इसीलिए मैं यहां पर आया हूं, ये लड़ाई सामान्य लड़ाई नहीं है…. ये प्रतिष्ठा की लड़ाई भी नहीं है, मुझे प्रतिष्ठा प्राप्त करनी होती तो अपने मठ में मिल जाती, कोई आवश्यकता नहीं है मुझे।”

अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया करते हुए DNA टेस्ट की मांग की

समाजवादी पार्टी के प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव का अयोध्या रेप केस में कहना है कि,” जिन पर भी आरोप लगा है, उसका डीएनए टेस्ट होना चाहिए और इंसाफ किया जाना चाहिए…. इस केस में सिर्फ आरोप लगाकर सियासत नहीं किया जाना चाहिए, जो भी दोषी है उसे कानून के हिसाब से पूरी सजा दी जाए, अगर डीएनए टेस्ट के बाद आरोप झूठे साबित होते हैं तो सरकार से अपील है कि फिर अधिकारियों को बख्शा न जाए, समाजवादी पार्टी की तरफ से भी एक एक्स पोस्ट में मांग की गई है कि आरोपी का डीएनए टेस्ट कराया जाना चाहिए और उसी हिसाब से सजा तय की जाए।”

बता दे कि अखिलेश यादव का कहना है कि सरकार पीड़िता की मदद के बजाये सपा की छवि को ख़राब करना चाहती है।

अखिलेश के बयान पर मायावती ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख चीफ मायावती ने अखिलेश यादव को घेरते हुए पूछा, “सपा सरकार में ऐसे कितने टेस्ट हुए हैं? उन्होंने एक्स पोस्ट में कहा, “यूपी सरकार द्वारा अयोध्या गैंगरेप केस में आरोपी के विरुद्ध की जा रही सख्त कार्रवाई उचित, लेकिन सपा द्वारा यह कहना कि आरोपी का DNA टेस्ट होना चाहिये, इसे क्या समझा जाए…. जबकि सपा को यह भी बताना चाहिए कि उनकी सरकार में ऐसे आरोपियों के खिलाफ कितने DNA टेस्ट हुए हैं?

मायावती ने ये भी कहा कि, “साथ ही, यूपी में अपराध नियंत्रण व कानून-व्यवस्था में भी ख़ासकर महिला सुरक्षा व उत्पीड़न आदि को लेकर बढ़ती चिन्ताओं के बीच अयोध्या व लखनऊ आदि की घटनाएं, अति-दुखद व चिन्तित करने वाली…. सरकार इनके निवारण के लिए जाति-बिरादरी एवं राजनीति से ऊपर उठकर सख्त कदम उठाए तो बेहतर।”

पीडीए भूल डीएनए और अब न्यायालय की बात कर गुमराह न करें- केशव मौर्य

वही यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि,” निषाद समाज की पीड़ित बेटी के मामले में पहले आप पीडीए भूल डीएनए और अब न्यायालय की बात कर गुमराह न करें….आपको वोट बैंक के नाराज होने की चिंता है, प्रदेशवासियों को दोषी को दंड और पीड़ित को न्याय दिलाने की अपेक्षा है, सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाएगी।” दरअसल, अखिलेश यादव ने पहले पीड़िता के डीएनए जांच की मांग की थी लेकिनअब उन्होंने पूरे मामले की जांच न्यायालय में करने की बात कही है।