नयी दिल्ली। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में पारित होने के बाद आज राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया है। उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में बिल पास करने के लिए सभी सांसदों का आभार जताया।
राज्यसभा में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिला आरक्षण बिल पेश करते हुए कहा, सदन में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करना बहुत बड़ा कदम है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी, ये आयोग फैसला करेगा.
राज्यसभा में जेपी नड्डा बोले- आज बिल पास हो गया तो 2029 में 33 फीसदी महिलाएं सांसद बनकर आ जाएंगी। विपक्ष के तमाम सवालों पर राज्यसभा में बीजेपी सांसद जेपी नड्डा ने जवाब देते हुए कहा, ‘महिलाओं को किस सीट पर रिजर्वेशन मिले, किस सीट पर नहीं मिलना चाहिए? ये फैसला सरकार नहीं कर सकती। यह फैसला आयोग करेगा। इससे पहले जरूरी है कि पहले जनगणना होनी चाहिए, परिसीमन आए। इसलिए आज बिल पास होने के बाद 2029 में 33 फीसदी महिलाएं सांसद बन कर आ जाएंगी और अगर ये बिल आज पास नहीं होता है तो 2029 में भी 33 फीसदी महिलाएं सांसद नहीं बन पाएंगी। ‘
राज्यसभा में बीजेपी सांसद जेपी नड्डा ने अपने संबोधन में कहा, ’21वीं सदी महिलाओं की है। हमें खुशी है कि भारत की महिलाएं खुद को लीडिंग रोल में लेकर आई हैं। बहुत से ऐसे देश हैं जिन्होंने महिलाओं को वोटिंग राइट्स देने के लिए लंबा संघर्ष किया था। हमारा नजरिए बेचारा, अबला नारी जैसा कभी नहीं रहा। हमने हमेशा महिलाओं को सम्मान दिया है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम लाकर हम महिलाओं को सम्मान देने का काम कर रहे हैं। रिसर्च ने ये बताया है कि महिलाओं में डिसीजन मेकिंग कैपेसिटी ज्यादा होती है। रिसर्च ये भी बताती है कि नशा के खिलाफ महिलाओं ने आवाज उठाई है। जहां महिलाएं लीड रोल में हैं वहां करप्शन कम होता है। ऐसा नहीं है कि मैं पुरुषों के खिलाफ बोल रहा हूं। ‘
राज्यसभा में नड्डा बोले- हमने नारी को शक्ति के रूप में देखा है, देवी के रूप में देखा
राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान बीजेपी चीफ जेपी नड्डा ने कहा, 9 साल में महिलाओं के लिए किए गए कार्यों के लिए सरकार को धन्यवाद देता हूं। नारी शक्ति वंदन ये शब्दावलि महिलाओं को समाज देखने के दृष्टिकोण को स्पष्ट करता है। भारतीय संस्कृति में महिलाओं का बहुत बड़ा स्थान रहा है हमने नारी को शक्ति के रूप में देखा है, देवी के रूप में देखा है।
महिला आरक्षण बिल यानी नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लोकसभा से पास होने के बाद गुरुवार को राज्यसभा में चर्चा हो रही है। चर्चा की शुरुआत कांग्रेस नेता रंजीत रंजन ने की। उन्होंने कहा कि आपने इसे नारी शक्ति वंदन विधेयक नाम दिया है। महिलाओं को वंदन नहीं, समानता का अधिकार चाहिए। उन्होंने कहा कि आपकी सरकार में महिलाओं की कितनी वंदना होती है, यह हमको मालूम है। जब आपको सत्ता पाने की जरूरत होती है, तब आप महिलाओं को देवी बनाकर उसकी पूजा करने लगते हैं।
यह बिल 20 सितंबर को लोकसभा में पास हो चुका है। बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े, जबकि 2 वोट इसके खिलाफ पड़े। पर्ची के जरिए हुई वोटिंग में दो सांसदों असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी के इम्तियाज जलील ने विरोध में वोट डाले।
पीएम ने लोकसभा में कहा- इस बिल के लिए सभी हकदार हैं
लोकसभा में सुबह 11 बजे जब कार्यवाही शुरू हुई तो सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोलने के लिए खड़े हुए। उन्होंने कहा कि कल भारत की संसदीय यात्रा का एक स्वर्णिम पल था। उस पल के हकदार इस सदन के सभी सदस्य हैं। सभी दल के सदस्य हैं। सभी दल के नेता भी हैं। सदन हों या सदन के बाहर हों, वे भी उतने ही हकदार हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं आज इस बहुत महत्वपूर्ण निर्णय में और देश की मातृशक्ति में एक नई ऊर्जा भरने में कल का निर्णय और आज राज्यसभा के बाद जब हम अंतिम पड़ाव भी पूरा कर लेंगे, देश की मातृशक्ति का मिजाज बदलेगा जो विश्वास पैदा होगा। मैं अनुभव करता हूं। यह पवित्र कार्य को करने के लिए आप सबने जो योगदान दिया है, समर्थन दिया है, सार्थक चर्चा की है। सदन के नेता के रूप में मैं आज आप सबका सच्चे दिल से आदरपूर्वक अभिनंदन करता हूं।
राज्यसभा में अर्जुन मेघवाल ने पेश किया महिला आरक्षण बिल, सीटों पर फैसला आयोग करेगा
प्रधान मंत्री मोदी ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल का समर्थन करने के लिए सांसदों का आभार जताया
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