दिवाली के बाद दिल्ली सहित देश के विभिन्न शहरों की हालत गंभीर है. मानो देश की हवा में जहर घुल गया हो. एक या दो नहीं…देश के लगभग 99 शहरों में दिवाली के अगले दिन शाम यानी शुक्रवार को हवा गंभीर बनी हुई थी. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने देश के लगभग 265 शहरों की वायु गुणवत्ता जारी किया है. इसमें 99 शहर शहरों की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में दर्ज की गई. वहीं, दिल्ली-एनसीआर जिसमें दिल्ली, गुरुग्राम, गाजियाबाद और नोएडा में एक्यूआई 390 के पार पहुंच गई थी. आज दिल्ली का aqi बेहद खराब से स्थिति में पहुंच गया. शनिवार की सुबह 7:00 बजे दिल्ली का एक्यूआई 294 रिकॉर्ड किया गया.
दिल्ली-एनसीआर में शनिवार को भी धुंध की चादर में छाई रही. विवेक विहार, आनंद विहार और आईजीआई एयरपोर्ट सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण की मार झेल रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने शनिवार को दिल्ली एनसीआर की वायु गुणवत्ता की लिस्ट जारी किया है. आनंद विहार के वायु गुणवत्ता में पिछले दिन की तुलना में मामूली सुधार हुआ है. शनिवार को यहां 380 एक्यूआई दर्ज की गई.
स्टेशन- एक्यूआई
आनंद विहार- 382
विवेक विहार- 322
इंदिरा गांधी नेशनल एयरपोर्ट- 342
आईटीआई शाहदरा- 470
अरविंदो मार्ग- 438
जेएलएन स्टेडियम- 420
जीटीबी नगर- 416
सूर्य नगर- 406
वसंत कुंज- 398
मालवीय नगर- 397
शाहदरा- 394
कटवारिया सराय- 392
दिवाली की शाम के बाद सीपीसीबी ने ‘गंभीर’ श्रेणी की वायु गुणवत्ता वाले शहरों का लिस्ट जारी किया है, जिसमें सबसे खराब एक्यूआई वाली शहरों का लिस्ट इस प्रकार है-
शहर- एक्यूआई
अंबाला (हरियाणा)- 367
अमृतसर (पंजाब)- 350
दिल्ली- 339
हाजीपुर (बिहार)- 332
खुर्जा (यूपी)- 320
मुरादाबाद (यूपी)- 320
बीकानेर (राजस्थान)- 312
गुरुग्राम (हरियाणा)- 309
गाजियाबाद (यूपी)- 306
कुरुक्षेत्र (हरियाणा)- 306
लखनऊ (यूपी)- 306
चंडीगढ़- 302
आपको बताते चलें कि सर्दियों के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों खास करके दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण अपने चरम पर होता है. इसका मुख्य कारण है- पराली का जलाया जाना, फैक्ट्री से निकलने वाले धुएं, कचरों का जलना और कंस्ट्रक्शन वर्क से निकलने वाला धुआं. प्रतिकूल हवाओं के बहने की वजह से सर्दियों में प्रदूषित हवाएं शहर के ऊपर ही डेरा जमा लेती हैं. इसकी वजह से शहरें धुंध के साथ-साथ प्रदूषित हवाओं की चैंबर बन जाती हैं. साथी सर्दी के शुरुआत के समय ही दिवाली और छठ पूजा होता है, त्योहार पर बड़े स्तर पर आतिशबाजी होती हैं और पटाखे फोड़े जाते हैं. इसके वजह से वायु गुणवत्ता और भी खराब हो जाती हैं.