City Headlines

Home » राज्यसभा में सरकार कल पेश करेगी दिल्ली अध्यादेश से जुड़ा बिल;आप, कांग्रेस ने जारी किया व्हिप

राज्यसभा में सरकार कल पेश करेगी दिल्ली अध्यादेश से जुड़ा बिल;आप, कांग्रेस ने जारी किया व्हिप

by Rashmi Singh

नयी दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने अपने सभी राज्यसभा सांसदों को 7 और 8 अगस्त को सदन में हाज़िर रहने के लिए व्हिप जारी किया है। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी ने भी तीन लाइन का व्हिप जारी किया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कल यानी सात अगस्त को राज्यसभा में ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक, 2023’ पेश करेंगे। इससे पहले तीन अगस्त को राजधानी दिल्ली में अधिकारियों की नियुक्ति औैर स्थानांतरण मामले में उपराज्यपाल के फैसले को अंतिम माने जाने वाले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार संशोधन विधेयक लोकसभा से पारित कर दिया गया था। विधेयक पर हुई चाढ़े चार घंटे की चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाए थे।
उन्होंने कहा कि था विपक्ष को देशहित, दिल्ली के हित की चिंता नहीं बल्कि गठबंधन बचाने की चिंता है। उन्होंने पूछा था कि आज विपक्ष को मणिपुर हिंसा की याद क्यों नहीं आ रही? विपक्ष आज प्रधानमंत्री को सदन में बुलाने की मांग क्यों नहीं कर रहा? इससे पहले भी जब नौ विधेयक पारित हुए, तब विपक्ष ने चर्चा में हिस्सा क्यों नहीं लिया?
आप और कांग्रेस ने जारी किया व्हिप
आम आदमी पार्टी ने अपने सभी राज्यसभा सांसदों को 7 और 8 अगस्त को सदन में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी की है। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी ने अपने राज्यसभा सांसदों को सोमवार, 7 अगस्त को सदन में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है।
राज्यसभा में भी पास होने की उम्मीद
सरकार की योजना विधेयक को सोमवार को राज्यसभा में पेश करने की है। विपक्षी एकता की मुहिम से दूरी बनाने वाले दलों बीजेडी, टीडीपी, वाईएसआरसीपी ने उच्च सदन में विधेयक का समर्थन करने की घोषणा की है। इसके अलावा बसपा ने राज्यसभा में मतदान से अनुपस्थित रहने का फैसला किया है। इन दलों के समर्थन के बाद उच्च सदन में भी विधेयक के पारित होने का रास्ता साफ हो गया है।
क्या है विधेयक में?
विधेयक में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम में संशोधन कर अधिकारियों की नियुक्ति, स्थानांतरण पर फैसला लेने के लिए प्राधिकरण बनाने का प्रावधान है। प्राधिकरण में मुख्यमंत्री को भी शामिल किया गया है। हालांकि, इस मामले में फैसला लेने का अंतिम अधिकार उपराज्यपाल को दिया गया है।

Subscribe News Letter

Copyright © 2022 City Headlines.  All rights reserved.