अलवर। जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की अव्यस्था का शिकार मंगलवार को मृतक के साथ उनके परिजनों को होना पड़ा। पोस्टमार्टम के लिए तीन शव मोर्चरी में रखे रहे। सुबह 8 बजे से 12 बजे तक 4 घंटे परिजन शव लेने के लिए अस्पताल में बैठे रहे लेकिन मेडिकल जूरिस्ट के नहीं होने के कारण पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। जिस कारण आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल के मुख्य गेट पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया। इससे पहले परिजन पीएमओ के पास पहुंचे और जमकर खरी-खोटी सुनाई।
घटना की सूचना पर कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझाइश कर जाम खुलवाया। तीन शव मोर्चरी में सोमवार शाम से रखे थे। जिनका मंगलवार को पोस्टमार्टम होना था। सुबह मोर्चरी कक्ष के बाहर शव लेने परिजन पहुंचे लेकिन मेडिकल जूरिस्ट कोर्ट एविडेंस पर गए थे। इस कारण पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। परिजन काफी समय तक इंतजार करते रहे लेकिन समय बीतने के साथ उनका धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने में गेट जाम कर दिया।
इनका होना था पोस्टमार्टम
तिजारा फाटक शिव कॉलोनी निवासी मनीष सैनी का सोमवार की शाम टेल्को चौराहे के पास एक्सीडेंट हो गया था। मृतक मनीष का शव लेने के लिए परिजन सुबह 8 बजे अस्पताल पहुंच गए थे। सामोला निवासी शकील का एक्सीडेंट हनुमान सर्किल पर हो गया था। मृतक का शव लेने परिजन सुबह से अस्पताल में थे। मुबारिकपुर निवासी मनोज गोयल विषाक्त पदार्थ खाने से मौत हो गई थी। मृतक का शव लेने के लिए परिजन सुबह अस्पताल में इधर से उधर चक्कर काटते रहे।
चार घंटे बाद डॉक्टर की हुई व्यवस्था
सुबह से शव लेने के लिए परिजन परेशान होते रहे लेकिन अस्पताल प्रबंधन के द्वारा कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई। जब हंगामा अधिक बड़ा तो तुरंत चिकित्सक की व्यवस्था की गई और मामले को शांत कराया गया। डॉक्टर भवानी शंकर को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। बाद में मेडिकल जूरिस्ट भी आ गए और शव के पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंपा गया।
परिजनों बोले, लापरवाह है प्रशासन
मृतक के परिजनों ने बताया कि सुबह से शव लेने के लिए परेशान हो रहे हैं लेकिन यहां कोई सुनवाई नहीं हो रही। घरों में परिजनों का रोरोकर बुरा हाल है ऐसी मामले में भी देरी करना गलत है। उन्होंने बताया कि चिकित्सा अधिकारी से मिलने के बाद भी उन्होंने यह कहकर टाल दिया कि मेडिकल जूरिस्ट कोट एविडेंस पर गए हैं। जब आएंगे तब पोस्टमार्टम होगा। वही इस कारण पुलिसकर्मी भी परेशान दिखे। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से लापरवाही रही है। वह चाहते तो पहले से कोई वैकल्पिक व्यवस्था कर सकते थे।
अस्पताल में है तीन मेडिकल जूरिस्ट
सामान्य चिकित्सालय में तीन मेडिकल जूरिस्ट है। डॉक्टर के के मीणा और डॉक्टर मनोज शर्मा कोर्ट एविडेंस पर गए थे जबकि डॉ प्रेमचंद सैनी छुट्टी पर थे।