अहमदाबाद। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को नर्मदा जिले के डेडियापारा में एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयानों पर पलटवार किया। 70 सालों में कुछ नहीं करने के भाजपा के आरोपों का भी उन्होंने जवाब दिया। उन्होंने आदिवासियों की जमीन लूटने और बेरोजगारी दूर नहीं के लिए भाजपा को घेरा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद गुजरात विधानसभा चुनाव में पहली बार सभा करने आए मल्लिकार्जुन खड़गे आक्रमक दिखे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के दिए एक-एक बयान पर जवाब दिया। उन्होंने मोदी के खुद को गरीब, बताने, चाय बेचने वाले और औकात बताने संबंधी बयानों पर कहा कि हम तो उनसे भी गरीब हैं। गरीबों से गरीब हैं। उनकी तो कोई चाय पीता है, लेकिन हम तो अछूतों में आते हैं, मेरी कोई चाय भी नहीं पीता। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री ऐसा कर लोगों की सहानुभूति बटोरने का प्रयास करते हैं। वे कितनी बार वे झूठ बोलेंगे, वे झूठों के सरदार है। खड़गे ने राज्य पर बढ़ रहे कर्ज पर चिंता जताते हुए कहा कि यह राशि भी प्रधानमंत्री मोदी लोगों की जेब से वसूलेंगे। कांग्रेस को फिर से मौका देने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि संविधान में बाबा साहब अम्बेडकर ने उन्हें सरकार बदलने का अधिकार दिया है, वे इसका उपयोग करें।
कांग्रेस ने देश को लोकतंत्र दिया
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र डेडियापार में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि गुजरात का यह चुनाव गुजरात के लिए ही नहीं सारे देश के लिए महत्वूपूर्ण है। भाजपा यहां 27 साल से हुकूमत कर रही है। इतने वर्षों जनता की समस्या अगर हल नहीं कर सकती है तो जनता उन्हें हटा दें। आम आदमी पार्टी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि दिल्ली से आकर लोग टांग मारते हैं, उनका कुछ नहीं होगा। गांधी, नेहरू और सरदार पटेल की चर्चा कर उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इस देश को बनाया है। गांधी ने आजादी दिलाई, पटेल ने एकता दिलाई और नेहरू ने लोकतंत्र की बुनियाद डाली और इसे चलाया। आजादी के बाद लोकतंत्र के अनुसार देश चल रहा है। कांग्रेस के जमाने में मजबूती से काम हुआ, ऐसा नहीं हुआ कि पुल बना और गिर गया।
उन्होंने देश को मजबूती के साथ रखा है। खड़गे ने कहा कि इसके बावजूद उनसे पूछा जाता है कि 70 साल में कांग्रेस ने क्या किया। यदि हम कुछ नहीं करते तो लोकतंत्र नहीं मिलता। भाजपा सरकार पर उन्होंने गरीबों और उनकी जमीन लूटने का आरोप लगाया। आदिवासियों की जमीन, जंगल और पानी खत्म कर अमीरों को देने की बात कही।