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Acharya Movie Review: चिरंजीवी और राम चरण की एक्टिंग पर फिदा फैंस, बाप-बेटे की जोड़ी दर्शकों को कर रही इंप्रेस

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फिल्म – आचार्य (Acharya)

कास्ट – चिरंजीवी और रामचरण (Chiranjeevi, Ramcharan)

निर्देशक – कोरताला सीवा (Koratala Siva)

रेटिंग – 2.5 स्टार्स

फिल्ममेकर कोराटला सीवा (Koratala Siva) की फिल्म ‘आचार्य’ से दर्शकों को काफी उम्मीदें हैं. वहीं फिल्म में साउथ सुपरस्टार चिरंजीवी औऱ उनके बेटे राम चरण साथ में स्क्रीन शेयर कर रहे हैं ऐसे में फैंस की उम्मीदें दोगुना बढ़ गई हैं. फिल्म आचार्य (Acharya) में सुपरस्टार पिता-बेटे की जोड़ी को लेकर कहा जा रहा है कि ऑडियंस खुद-ब-खुद सिनेमाघरों तक खिंचे चले आएं इसके लिए राम चरण और चिरंजीवी (Chiranjeevi) को साथ स्क्रीन पर लाया गया है. अब फिल्म (Ram Charan) सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. कहा जा रहा है कि रिलीज के एक हफ्ते बाद ही फिल्म आचार्या को ओटीटी प्लैटफॉर्म पर भी उतार दिया जाएगा. कहा जा रहा है कि फिल्म हफ्तेभर बाद ऐमजॉन प्राइम पर देखी जा सकेगी.

क्या है फिल्म आचार्य की कहानी

कहानी तीन गांव और उनमें बसे लोगों की है जो प्यार, विश्वास के जरिए एक दूसरे से बंधे हुए हैं. ये गांव ‘धर्मस्थली’, ‘सिद्धवनम’ और ‘पद्मघ्तम’ के बीच बहुत प्यार और एकता है. अब धर्मस्थली में एक मंदिर है जो कि बसवा के अंडर है. फिल्म में बसवा का किरदार बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद निभा रहे हैं. मंदिर बसवा के कब्जे में होने के कारण वह अपनी ही चलाता है. वह एक अत्याचारी किस्म का शख्स है. पद्मघ्तम गांव के लोग आयुर्वेदिक रहन सहन के साथ जुड़े हैं, लेकिन उन्हें इस मंदिर में आने की इजाजत नहीं है. अब ऐसे में आचार्य के हाथ में है कि वह कैसे लोगों को उनके हक की लड़ाई लड़ने में सपोर्ट करते हैं. फिल्म में चिरंजीवी आचार्य की भूमिका में हैं. फिल्म में राम चरण सिद्ध
की भूमिका में हैं. फिल्म में कैसे इन सभी कहानियों में सिद्ध की एंट्री होती है ये देखना दिलचस्प है.

रिव्यू और अभिनय

फादर-सन की जोड़ी को स्क्रीन पर देखना एक अलग एक्सपीरियंस है. मंझे हुए अदाकार चिरंजीवी की तो बात ही निराली है.वहीं राम चरण भी स्क्रीन पर कमाल लग रहे हैं. लेकिन फिल्म कई मामलों में काफी कमजोर है. सीवा की फिल्म आचार्य देख कर उनकी पुरानी चार फिल्मों का काम ज्यादा बेहतर लगता है. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि बाकि फिल्मों के मुकाबले उनकी फिल्म आचार्य कमजोर साबित हो रही है. कहानी से लेकर डायरेक्शन तक में छुट-पुट कमियां हैं. स्क्रीनप्ले बेहद कमजोर है. फिल्म के कुछ सीन्स ऐसे हैं जिन्हें और भी इंट्रस्टिंग बनाया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.

फिल्म में खासियत सिर्फ ये बची है कि रामचरण और चिरंजीवी साथ में स्क्रीन पर देखे जा सकते हैं. ऑडियंस अपने फेवरेट स्टार्स को देखने थिएटर्स में जरूर आएगी. फिल्म में बंजारा गाना सेकेंड हाफ में है, वहीं से राम चरण का असली काम भी शुरू होता है. फिल्म के ऐसे गिने चुने सीन्स हैं जो कि दर्शकों को पसंद आ रहे हैं, उन्हें उंगलियों पर गिना जा सकता है.

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