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‘आज खेलो श्याम संग होरी’…

लखनऊ के पेपरमिल कॉलोनी स्थित कैफी आजमी अकादमी में हुआ कार्यक्रम

by Suyash

लखनऊ । राष्ट्रीय कथक संस्थान की ओर से सोमवार को भजन एवं कथक संध्या का आयोजन किया गया। पेपरमिल कालोनी स्थित कैफी आजमी अकादमी आयोजित कार्यक्रम की शुरूआत भगवान शिव की वंदना से हुआ। इसके अलावा होली गीतों पर कथक की प्रस्तुति हुई।
भारतीय परम्परा के अनुसार किसी भी कार्य को प्रारम्भ करने से पूर्व प्रभु का स्मरण करते है, इसी परम्परा का निर्वाह करते हुए गायन कार्यक्रम का प्रारम्भ भगवान शंकर के एक भजन से हुआ, जिसके बोल है-’’ऊँ नमः शिवायः जपो रे…‘‘ से किया गया। इसकी स्वर एवं शब्द रचना मीना वर्मा ने की थी। उसके बाद राग देशी, तीनताल में निबद्ध बंदिश भजन प्रस्तुत किया गया, जिसके बोल थे’’गूंथ-गूंथ लाओ मालनियां… आलाप, तान, बोल, तान के माध्यम से प्रस्तुत की गई। गायन कार्यक्रम का समापन सूफी गीत ’’ऐरी सखी मंगल गाओ री‘… से किया गया है।
गायन प्रशिक्षिका मीना वर्मा थीं। छात्र एवं छात्राओं में वैष्णवी, श्रिया, प्रिया, सारा, सुगन्ध, इन्द्राक्षी, हिमांशू थी। इनके संगतकर्ताओं में तबला पर आनन्द दीक्षित। कीबोर्ड पर रिभु वासदेव थे।
द्वितीय प्रस्तुति की पहली कड़ी में हरिद्वार की अतिथि कलाकार डाॅ. गरिमा आर्या भगवान शिव पार्वती पर आधारित स्तुति ‘अर्द्धनारीश्वर’’ की प्रस्तुति दी । इसके उपरान्त परम्परागत कथक नृत्य के अन्तर्गत तीनताल विलम्बित में थाट, उठान, परन, आमद, राधा कृष्ण की छेड़-छाड़ को कथक की सुन्दर भाव भंगिमाओं के माध्यम से आपके समक्ष प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के अन्तिम चरण में बसन्त ऋतु पर आधारित होरी ‘सब भांति सुहावन ऋतु बसन्त’ ‘कान्हा खेलो कहां ऐसी होरी’ तथा ’आज खेलो श्याम संग होरी’ के माध्यम से राधा-कृष्ण की प्रेममयी सौन्दर्यपूर्ण रंगबिरंगी होरी कथक नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत की गई।इसमें कथक नृत्यागंना डाॅ.गरिमा आर्या के साथ हिमांशी गोगिनी थी।
गायन व हारमोनियम पर जकी अहमद, तबले पर जहीन खांन व सितार पर डाॅ. नवीन मिश्रा ने साथ दिया। इसकी परिकल्पना, अवधारणा एवं निर्देशन सरिता श्रीवास्तव का था।