मदर्स डे हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है. ये दिन मां की ममता और प्यार को समर्पित है. इस साल मदर्स डे 8 मई को मनाया जाएगा. मां अपने बच्चों के जीवन में अलग-अलग (Mothers Day) तरह की भूमिकाएं निभाती है. आप जानते हैं कि वो मां ही है जो हमें सच्चा प्रेम करती है. हमारे सफलता के लिए दुआएं मांगती हैं. मां के आशीर्वाद के साथ होने से हम जीवन की समस्याओं और दिक्क्तों (Mothers Day 2022) का डटकर मुकाबला कर सकते हैं. स्थिति चाहे जो भी हो मां जानती है कि उसे हमें कैसे संभालना है. हमें ऐसा क्या कहना की हमारा आत्मविश्वास बढ़े. लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि इस स्पेशल डे की शुरुआत कब हुई और ये दिन क्यों मनाया जाता है आइए जानें.
कैसे हुई मदर्स डे की शुरुआत
मदर्स डे जैसे स्पेशल डे की शुरुआत एना जॉर्विस नाम की एक अमेरिकन महिला ने की थी. इनका अपनी मां से बहुत लगाव था. उनकी मां उनके लिए प्रेरणा था. मां की मृत्यु के बाद एना ने शादी न करने का फैसला लिया. उन्होंने अपने जीवन को मां के नाम करने का संकल्प लिया. कड़ी मेहनत की और मां को सम्मान देने के लिए एना ने मदर्स डे की शुरुआत की. ये दिन को यूरोप में मदरिंग संडे कहा जाता है.
मदर्स डे रविवार के दिन क्यों मनाया जाता है
एना जॉर्विस ने भले ही इस दिन की नींव रखी हो लेकिन मदर्स डे की औपचारिक रूप से शुरुआत 9 मई 1914 से हुई थी. अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन थे. जिन्होंने मदर्स डे मनाने के लिए प्रत्यक्ष रूप से स्वीकृति दी थी. अमेरिकी संसद में कानून पास कर इस दिन को मई महीने के दूसरे रविवार को मनाने का एलान किया गया था. ये दिन अमेरिका, यूरोप और भारत सहित कई देशों में मनाया जाता है.
भारत में मदर्स डे का इतिहास
भारत में मदर्स डे की शुरुआत बहुत पहले से या फिर कहें कि प्राचीन समय से नहीं हुई है. लेकिन कुछ दशकों पहले से इस दिन को बड़े खास तरीके से मनाया जाता है. इस दिन लोग अपनी मां के साथ अलग-अलग तरीकों से समय बिताते हैं. बहुत से लोग इस दिन कई तरह के गिफ्ट भी मां को देते हैं. घूमने जाते हैं. डिनर पर जाते हैं. बहुत लोग इस दिन घर पर पार्टी भी आयोजित करते हैं. इस दिन की मां को बधाई देते हैं.