लखनऊ
चारबाग रेलवे स्टेशन पर आने वाली ट्रेनों को बोगियों में पानी भरने के लिए अधिक देर तक नहीं रुकना पड़ेगा। यहां 15 मई से हाईप्रेशर वाटर प्लांट लग जाएगा। यह प्लांट सेंसर युक्त सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा अक्यूशन (स्काडा) तकनीक से लैस होगा, जो बोगियों में पानी भरने के बाद उसकी बर्बादी भी रोकेगा। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अयोध्या कैंट स्टेशन पर भी यह प्लांट लगाया जाएगा।
ट्रेनों में पानी की किल्लत गर्मी बढ़ते ही शुरू हो जाती है। विशेषकर लंबी दूरी की हावड़ा अमृतसर मेल सहित करीब 130 ट्रेनों में लखनऊ के आसपास आए दिन पानी खत्म हो जाता है। चारबाग स्टेशन के मौजूदा सात प्लेटफार्मों से गुजरने वाली ट्रेनों में पानी भरने के लिए 20 से 25 मिनट का समय लग जाता है। बोगियों की टंकी फुल होने के बाद पानी बहने लगता है।
इन दिनों प्रतिदिन चारबाग स्टेशन पर करीब तीन दर्जन ट्रेनों में पानी भरना पड़ता है। रेलवे अब ट्रेनों में कम समय में पानी भरने के साथ ही उसकी बर्बादी भी रोकेगा। रेलवे के विद्युत अनुभाग ने कम्प्यूटरीकृत मानीटरिंग सिस्टम स्काडा वाले हाईप्रेशर वाटर प्लांट लगाना शुरू कर दिया है। स्टेशन के सात प्लेटफार्मों पर 26 बोगियों की क्षमता वाला यह प्लांट शुरू होगा।
उत्तर रेलवे लखनऊ की वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा ने बताया कि एक बोगी की एक टंकी 4,500 लीटर की होती है। ऐसे में एक बोगी में 18 हजार लीटर पानी आएगा, जबकि 24 बोगियों वाली ट्रेन में यह प्लांट 43,200 लीटर पानी मात्र 10 मिनट में भर देगा।