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Home International इमरान खान ने पीएम शरीफ को दिया बड़ा झटका, PTI ने सरकार से बातचीत पर साफ किया रुख

इमरान खान ने पीएम शरीफ को दिया बड़ा झटका, PTI ने सरकार से बातचीत पर साफ किया रुख

पाकिस्तान सरकार और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के बीच बातचीत नहीं होगी। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने वार्ता को लेकर पीएम शहबाज शरीफ की पेशकश को ठुकारा दिया है।

by Kajal Tiwari

इस्लामाबाद: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने सरकार के साथ रुकी हुई बातचीत संसदीय समिति के माध्यम से फिर से शुरू करने संबंधी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पेशकश को खारिज कर दिया है। जियो न्यूज के अनुसार, शहबाज शरीफ ने बृहस्पतिवार को मंत्रिमंडल की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि सरकार इमरान खान की पार्टी के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए एक संसदीय समिति गठित करने को तैयार है।

PTI नेता ने क्या कहा?

इमरान खान की पार्टी ने 9 मई 2023 और 26 नवंबर 2024 की घटनाओं की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन ना करने पर बातचीत बंद कर दी है। जियो न्यूज के कार्यक्रम ‘कैपिटल टॉक’ में, इमरान की पार्टी के शीर्ष नेता और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता उमर अयूब खान ने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की (बातचीत फिर से शुरू करने की) पेशकश को खारिज करते हैं।’’ पार्टी की मांगों को दोहराते हुए अयूब ने कहा, ‘‘हमारी मांगें स्पष्ट हैं।’’ उन्होंने सभी ‘‘राजनीतिक कैदियों’’ की रिहाई की अपील भी की।

बातचीत से होगा समस्या का समाधान

एक बयान में, सरकार की वार्ता समिति के प्रवक्ता सीनेटर इरफान सिद्दीकी ने कहा कि विपक्षी पार्टी ने एकतरफा बातचीत से पीछे हटकर गैर-लोकतांत्रिक और गैर-राजनीतिक मानसिकता का प्रदर्शन किया है। इमरान की पार्टी की आंदोलनकारी राजनीति की आलोचना करते हुए पीएमएल-एन के सीनेटर ने कहा कि विपक्षी पार्टी ने ना तो अतीत में धरना-प्रदर्शन और लंबे मार्च के जरिए अपना उद्देश्य हासिल किया है और ना ही इस बार ऐसा होगा। देश में राजनीतिक तनाव को कम करने के लिए बातचीत की जरूरत पर जोर देते हुए सिद्दीकी ने कहा कि हर समस्या का समाधान गंभीर और सार्थक बातचीत है।

इस वजह से अटक गई वार्ता

सरकार और इमरान खान की पार्टी के बीच वार्ता पिछले सप्ताह उस वक्त अटक गई थी, जब पार्टी जेल में बंद अपने संस्थापक (इमरान खान) के निर्देश पर वार्ता से बाहर निकल गई थी। विपक्ष ने मंगलवार को चौथे दौर की बैठक में भी भाग नहीं लिया था और कहा था कि वार्ता छोड़ने के फैसले की समीक्षा 9 मई 2023 और 26 नवंबर 2024 की घटनाओं की जांच के लिए न्यायिक आयोगों के गठन के बाद ही की जा सकती है