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7 स्विंग स्टेट्स के पास व्हाइट हाउस की चाबी:3 राज्यों में ट्रम्प जीते, 4 में बढ़त; पिछली बार 6 राज्यों में हारे थे ट्रम्प

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने शुरुआती रुझानों में कमला हैरिस पर बढ़त बना ली है।

by Kajal Tiwari

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने शुरुआती रुझानों में कमला हैरिस पर बढ़त बना ली है। अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के लिए 270 सीटों पर जीत जरूरी है। इतनी सीटें हासिल करने के लिए 7 स्विंग स्टेट्स में जीत हासिल करना जरूरी है।

स्विंग स्टेट्स में कुल 93 सीटें हैं। इनमें से 3 स्विंग स्टेट पेन्सिलवेनिया, नॉर्थ कैरोलिना और जॉर्जिया में नतीजा आ गया है। तीनों में ट्रम्प ने जीत हासिल की है। इसके अलावा ट्रम्प ने बाकी सभी स्विंग स्टेट्स में बढ़त बना ली है। अगर ट्रम्प इन राज्यों में जीत हासिल करते हैं तो वे चुनाव जीत जाएंगे।

अमेरिका में 50 राज्य हैं, जिनमें से ज्यादातर राज्य डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी के बीच बंटे हुए हैं। जो राज्य डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थन करते हैं वे ब्लू और जो रिपब्लिकन पार्टी का समर्थन करते हैं वो रेड स्टेट कहे जाते हैं।

वहीं, कुछ ऐसे भी राज्य हैं जो दोनों ही पार्टियों का समर्थन करते हैं। इन राज्यों के वोटर्स किसी भी पार्टी की तरफ स्विंग कर सकते हैं, यानी पलट सकते हैं। इस चुनाव में कुल 7 स्विंग स्टेट्स हैं। पिछली बार डेमोक्रेटिक पार्टी को पेंसिलवेनिया, मिशिगन, विस्कॉन्सिन, जॉर्जिया, नेवाडा, एरिजोना में जीत मिली थी। वहीं, ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी को सिर्फ नॉर्थ कैरोलिना में जीत हासिल हुई थी।

स्विंग स्टेट्स में क्या है स्थिति?

  1. नॉर्थ कैरोलिना- ट्रम्प को 3.6% के अंतर से जीत मिली
  2. एरिजोना– 54% काउंटिंग हुई- 1% से ट्रम्प आगे
  3. मिशिगन– 71% काउंटिंग हुई- 6% से ट्रम्प आगे
  4. विस्कॉन्सिन- 95% वोटिंग हुई- 3% से ट्रम्प आगे
  5. पेन्सिलवेनिया– ट्रम्प को 3% के अंतर से जीत मिली
  6. जॉर्जिया- ट्रम्प को 2.5% के अंतर से जीत मिली
  7. नेवाडा– 70% वोटिंग हुई- ट्रम्प 4% से आगे

पेंसिलवेनिया- सबसे ज्यादा वोटों वाला स्विंग स्टेट

स्विंग स्टेट में सबसे ज्यादा पेंसिलवेनिया में 19 इलेक्टोरल सीटें हैं। यही वजह है कि दोनों ही पार्टियों ने सबसे ज्यादा प्रचार इसी राज्य में किया है। BBC के मुताबिक, पिछले कुछ हफ्ते में इस राज्य में 2.4 हजार करोड़ रुपए के विज्ञापन दिखाए गए हैं, जो बाकी राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा है।

पेंसिलवेनिया में 1992 से 2020 तक सिर्फ 1 बार रिपब्लिकन पार्टी को जीत मिली थी। साल 2016 में ट्रम्प ने 0.7 % वोट से हिलेरी क्लिंटन को मात दी थी। साल 2020 के चुनाव में यहां बाइडेन ने ट्रम्प को महज 1.2% के अंतर से हराया था। इस बार ट्रम्प ने यहां करीब 3% के मार्जिन से जीत हासिल की।

नॉर्थ कैरोलिना- जहां 40 साल में सिर्फ एक चुनाव जीत पाई कमला की पार्टी

नॉर्थ कैरोलिना में रिपब्ल्किन पार्टी का वर्चस्व रहा है। 1980 से लेकर 2020 तक सिर्फ एक बार 2008 में डेमोक्रेटिक पार्टी को जीत मिली। तब बराक ओबामा ने रिपब्लिकन कैंडिडेट जॉन मैक्केन को महज 14,177 वोटों (0.32%) से हराया था।

2020 के चुनाव में यहां ट्रम्प ने बाइडेन को लगभग 74 हजार वोटों से (1.34%) हराया था। यह मौजूदा 7 स्विंग स्टेट्स में से इकलौता राज्य है, जहां ट्रम्प को पिछले चुनाव में जीत मिली थी। इस बार भी यहां ट्रम्प को जीत मिली है।

विस्कॉन्सिन- ट्रम्प बोले- यहां जीते तो समझो सब कुछ जीता

विस्कॉन्सिन लंबे समय तक ब्लू स्टेट रहा है। 1988 से 2020 तक सिर्फ एक बार 2016 में यहां रिपब्लिकन पार्टी को जीत मिल पाई। ट्रम्प तब यहां पर महज 22,748 (0.77%) वोट से जीत पाए थे। वहीं, 2020 के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी ने यहां वापसी की पर जीत का अंतर सिर्फ 0.63% रहा।

हार-जीत के इस नजदीकी मुकाबले की वजह से विस्कॉन्सिन बैटलग्राउंड स्टेट बन गया है। यहां पर दोनों पार्टियां जीत के लिए काफी जोर लगा रही हैं।

रिपब्लिकन पार्टी का नेशनल कन्वेंशन जुलाई में मिल्वॉकी में हुआ था। यह विस्कॉन्सिन में है। BBC के मुताबिक ट्रम्प ने इस राज्य की अहमियत बताते हुए कहा था कि अगर वे विस्कॉन्सिन जीत लेते हैं तो वे सब कुछ जीत लेंगे।

डेमोक्रेटिक पार्टी भी विस्कॉन्सिन की अहमियत जानती है। बाइडेन के राष्ट्रपति पद की रेस छोड़ने के ठीक 2 दिन बाद कमला ने विस्कॉन्सिन में ही पहली रैली की थी। तब कमला ने कहा था कि व्हाइट हाउस का रास्ता विस्कॉन्सिन से होकर जाता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, विस्कॉन्सिन में डेमोक्रेटिक पार्टी की सबसे बड़ी परेशानी ग्रीन पार्टी की कैंडिडेट जिल स्टीन है। स्टीन अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दावेदार भी हैं। कई सर्वे में दावा किया गया है कि उन्हें इस चुनाव में 1% (करीब 10,000) वोट मिल सकता है।

यह विस्कॉन्सिन जैसे राज्य में बड़ा अंतर पैदा कर सकता है। यही वजह है कि डेमोक्रेटिक पार्टी ने जिल को हटाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। डेमोक्रेटिक पार्टी ने चुनाव आयोग से शिकायत की है कि जिल स्टीन की उम्मीदवारी अवैध है। उन्होंने चुनावी नियमों का ठीक से पालन नहीं किया।

दरअसल, ग्रीन पार्टी की विचारधारा डेमोक्रेटिक पार्टी की विचारधारा के थोड़े करीब है। ग्रीन पार्टी की मौजूदगी से सबसे ज्यादा डेमोक्रेटिक पार्टी को नुकसान है।

नेवाडा- सबसे कम सीटों वाला स्विंग स्टेट

पिछले 4 चुनावों में नेवाडा से डेमोक्रेटिक पार्टी को जीत मिली है। हालांकि, पिछले दो चुनावों में यहां वोट का मार्जिन कम रहा है। पिछले चुनाव में बाइडेन ने लगभग 2.5% वोटों से ट्रम्प को हराया था। वहीं, 2016 के चुनाव में हिलेरी ने ट्रम्प को 3.4% वोटों से मात दी थी।

पिछले 2 चुनाव में मार्जिन कम होने की वजह इसलिए नेवाडा को इस बार स्विंग स्टेट की कैटेगरी में रखा है। भले ही इस स्विंग स्टेट में सबसे कम 6 इलेक्टोरल वोट हैं। इसके बावजूद 2004 से जिस पार्टी ने इस मरुस्थलीय राज्य में जीत हासिल की वही राष्ट्रपति चुनाव में जीता है।

द गार्जियन के मुताबिक नेवाडा में किसी भी अमेरिकी राज्य की तुलना में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है। डोनाल्ड ट्रम्प पिछले कुछ समय से इकोनॉमी का मुद्दा उठा रहे हैं। वहीं, डेमोक्रेटिक पार्टी कोरोना से देश को उबारने का श्रेय ले रही है।

एरिजोना- रिपब्लिकन पार्टी का गढ़, 2020 में पलटी मारी

एरिजोना रिपब्लिकन पार्टी का गढ़ रहा है। 1952 से लेकर 2020 तक डेमोक्रेटिक पार्टी को सिर्फ 2 बार जीत मिली है। पहली बार 1996 में क्लिंटन और पिछले चुनाव में बाइडेन यहां से जीते थे। हालांकि, उन्होंने सिर्फ 10,457 वोटों (0.3%) से जीत हासिल की थी।

दरअसल, एरिजोना मैक्सिको से सटा हुआ राज्य है। पिछले कुछ दशकों में मैक्सिको के रास्ते दूसरे देशों से आए लोग एरिजोना में बसे हैं।

अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के मुताबिक साल 1996 में एरिजोना में व्हाइट अमेरिकी 67.6% थे। 2024 में ये घटकर 52.9% रह गए हैं। वहीं, हिस्पैनिक (स्पैनिश बोलने वाले दक्षिण अमेरिकी) आबादी जो 1996 में 22.4% थी, अब 32.9% हो गई। डेमोक्रेटिक पार्टी की नीति प्रवासी समर्थक है। ऐसे में डेमोग्राफी में हुए बदलाव का फायदा एरिजोना को मिला है।

ट्रम्प ने इस बार प्रवासी समस्या को सबसे बड़ा मुद्दा बना दिया है। उन्हें पिछले दो डिबेट में भी इस मुद्दे को उठाया था। इसके अलावा वे करीब हर भाषण में इस मुद्दे को उठा रहे हैं।

जॉर्जिया- जहां बाइडेन ने रिपब्लिकन पार्टी को सातवीं बार जीतने से रोका

जॉर्जिया पहले डेमोक्रेटिक पार्टी का गढ़ हुआ करता था। 1868 से 1956 तक यहां डेमोक्रेटिक पार्टी ने लगातार 27 बार चुनाव जीता। फिर नब्बे के दशक में यहां रिपबल्किन पार्टी ने अपना दबदबा बनाया।

2020 के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी जॉर्जिया को लगातार सातवीं बार जीतने उतरी थी, लेकिन ऐसा नहीं कर पाई। बाइडेन ने ट्रम्प को 11,779 (0.23%) वोटों से हरा दिया। यही वजह है कि रेड स्टेट रहा जॉर्जिया पिछले चुनाव में स्विंग स्टेट बन गया।

पिछले साल ट्रम्प जॉर्जिया में ही गिरफ्तार हुए थे। उन्हें 20 मिनट के लिए जेल जाना पड़ा था। दरअसल ट्रम्प पर आरोप लगा था कि उन्होंने 2020 के चुनाव के नतीजों को पलटने की कोशिश की थी।

मिशिगन- मुस्लिम वोटर्स डेमोक्रेटिक पार्टी से नाराज, अश्वेत वोटर्स का साथ मिलेगा

मिशिगन में 1992 से 2020 तक सिर्फ 1 बार (2016) रिपब्लिकन पार्टी जीत पाई। 2016 के चुनाव में ट्रम्प को यहां पर सिर्फ 10,704 (0.23%) से जीत मिली थी। 2020 के चुनाव में ट्रम्प यहां करीब डेढ़ लाख वोटों से हारे थे। इस बार यहां से ट्रम्प को जीत मिल गई है।

मिशिगन के वायने में करीब 1 लाख अरब-अमेरिकी मुस्लिम हैं। गाजा में हो रहे संघर्ष से इनमें नाराजगी है। डेमोक्रेटिक पार्टी के प्राइमरी मुकाबले में 1 लाख से ज्यादा वोटरों ने ‘कोई नहीं’ विकल्प चुना था। दरअसल, ये वोटर्स इजराइल को अमेरिकी हथियार देने और गाजा में जंग न रोक पाने से नाराज थे।

मिशिगन पर ट्रम्प की भी नजर है। BBC के मुताबिक गाजा में हो रहे जंग के लेकर ट्रम्प कई बार डेमोक्रेटिक सरकार की आलोचना कर चुके है। ट्रम्प ने कहा कि अगर वे राष्ट्रपति बने तो गाजा में जंग रुकवा देंगे।

अगस्त की शुरुआत में कमला हैरिस ने मिशिगन का दौरा किया था। यहां पर उनका खूब विरोध हुआ। इस पर कमला ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि अगर आप चाहते हैं कि ट्रम्प चुनाव जीत जाएं तो मेरा विरोध कीजिए।

मिशिगन में 74% व्हाइट अमेरिकी हैं। वही करीब 14% अश्वेत मतदाता हैं। पिछली बार बाइडेन को अश्वेत वोटर्स का समर्थन मिला था। कमला हैरिस के दावेदार होने से एक बार फिर अश्वेत वोटर्स डेमोक्रेटिक पार्टी पर भरोसा जता सकते हैं।