दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ हाईकोर्ट के दरवाजे पर खटखटायी की। CBI ने उन्हें दिल्ली शराब घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया था और वर्तमान में उन्हें न्यायिक हिरासत में रखा गया है। एक कोर्ट ने शनिवार को सुनवाई के बाद केजरीवाल को 12 जुलाई तक हिरासत में भेज दिया था। इस मामले में कोर्ट का मानना है कि उनका नाम मुख्य साजिशकर्ता के रूप में आया था और जांच अभी भी जारी है।
सीबीआई ने तीन दिन की कस्टडी के बाद केजरीवाल को कोर्ट में पेश किया और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत के लिए मांग की थी। जांच एजेंसी का दावा था कि केजरीवाल ने जांच में सहयोग नहीं किया और अनजाने में नहीं, बल्कि जानबूझकर गोलमोल जवाब दिया।
सीबीआई ने यह भी कहा कि केजरीवाल सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। उनके सामने पहले ही कई गवाहों और सबूतों का खुलासा हो चुका है, और अब भी जांच एजेंसी की पहुंच से दूर रहने वालों को हटाया जा सकता है।
अरविंद केजरीवाल, जिन्हें 55 वर्ष की आयु में सीबीआई ने 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, अब ईडी की मनी लॉड्रिंग के मामले में जांच के दौर में हैं और वे न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं। दिल्ली में सत्ता में रहते हुए, आम आदमी पार्टी के नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने मनी लॉड्रिंग के मामले में नई शराब नीति बनाई, जिसमें चुनिंदा व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों में बदलाव किया गया। इस बदलाव के बदले, नेताओं को चुनाव में उपयोग होने वाले पैसे मिले थे। ईडी इस मामले में पैसे के घुसपैठ की जांच कर रही है जबकि सीबीआई रिश्वत लेन-देन और नेताओं के भ्रष्टाचार के मामले पर जांच कर रही है।