भारत में एक जुलाई 2024 को लागू हुए नए आपराधिक कानूनों के बारे में जानकारी देते हुए, यह कह सकते हैं कि पिछले साल संसद द्वारा पारित ये विधेयक अब देश में अपना प्रभाव दिखा रहे हैं। इन कानूनों के लागू होने से कई धाराएं और सजा के प्रावधान में बदलाव आया है, जिससे समाज में न्यायपालन और सुरक्षा में सुधार होने की उम्मीद है। हालांकि, इनके विरोध में कुछ राजनीतिक दल भी उभर रहे हैं। इस सम्बंध में यहां जानिए कि इन नए कानूनों से समाज को कैसे फायदा हो सकता है और उनके विरोध का क्या कारण है।
नए कानून ‘जीरो एफआईआर‘ ने भारतीय समाज में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन लाये हैं। इसके अंतर्गत अब कोई भी व्यक्ति किसी भी पुलिस थाने में अपनी समस्या की प्राथमिकी दर्ज करा सकता है, चाहे उसका अपराध उसके अधिकार क्षेत्र में हुआ हो या न हो। इसके अलावा, गिरफ्तारी की स्थिति में व्यक्ति को अपने चयन के अनुसार किसी भी व्यक्ति को सूचित करने का अधिकार भी प्रदान किया गया है, जिससे उसे तुरंत सहायता मिल सके। इन नए प्रावधानों के माध्यम से अपराधिक मामलों में जल्दी और सुगम न्यायिक प्रक्रिया का निर्णय होने का अवसर होगा।
विपक्षी दल का कहना है कि नए आपराधिक कानूनों के लागू होने से पहले सरकार ने उन्हें विस्तार से विचार–विमर्श के बिना ही लागू कर दिया है। इस पर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार को सख्त आलोचना की है, कहा है कि ऐसा करने से नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता पर खतरा बन सकता है। उनकी मांग है कि संसद को इन कानूनों की पुनः जांच करनी चाहिए ताकि इसके प्रभाव और उनके संरचन को गहराई से समझा जा सके।