City Headlines

Home Agriculture वैश्विक मत्स्य पालन सम्मेलन 21 और 22 नवंबर को अहमदाबाद में

वैश्विक मत्स्य पालन सम्मेलन 21 और 22 नवंबर को अहमदाबाद में

by City Headline
Ahmedabad, Fisherman, Fish, Farmer, Fisheries Sector, Fisheries Department, Government of India, World Fisheries Day, Global Fisheries Conference

नई दिल्ली। मछुआरों, मछली किसानों और हित-धारकों के योगदान और उपलब्धियों का जश्न मनाने और मत्स्य पालन क्षेत्र के सतत और न्यायसंगत विकास के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए, मत्स्य पालन विभाग, भारत सरकार विश्व मत्स्य पालन दिवस के अवसर पर वैश्विक मत्स्य पालन सम्मेलन भारत 2023 का आयोजन कर रहा है। दो दिवसीय यह कार्यक्रम 21 और 22 नवंबर को अहमदाबाद के गुजरात साइंस सिटी में ‘मत्स्य पालन और जलीय कृषि संपदा का जश्न मनाएं’ विषय पर आयोजित किया जाएगा।

यह जानकारी केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने आज नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में दी। इस मौके पर उन्होंने भारतीय मत्स्य पालन क्षेत्र को विश्व स्तर पर नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने और राष्ट्र निर्माण में मछुआरों और मछुआरा समुदायों के महत्वपूर्ण योगदान के प्रतीक के तौर पर एक कार्यक्रम लोगो का भी अनावरण किया। कार्यक्रम के दौरान मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी तथा सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने भी अपने विचार रखे। इस दौरान मत्स्य पालन विभाग के सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी भी उपस्थित रहे।

परषोत्तम रूपाला ने कहा कि भारतीय मत्स्य पालन क्षेत्र ने अंतर्देशीय मछली उत्पादन, निर्यात, जलीय कृषि विशेष रूप से अंतर्देशीय मत्स्य पालन में वृद्धि देखी है, जो केंद्र, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों और सभी क्षेत्रों में लाभार्थियों के संचयी प्रयासों से 70 प्रतिशत से अधिक मछली उत्पादन करता है। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की वर्तमान सरकार के दौरान मत्स्य पालन क्षेत्र को महत्व मिला, जिससे मछली उत्पादन और जलीय कृषि क्षेत्र के मामले में महत्वपूर्ण वृद्धि हासिल हुई।

डॉ. एल मुरुगन ने कहा कि मंत्रालय सतत विकास और वैश्विक मत्स्य पालन सम्मेलन भारत 2023 पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जो मछुआरों, किसानों, उद्योग, तटीय समुदायों, निर्यातकों, अनुसंधान संस्थानों, निवेशकों, प्रदर्शकों जैसे सभी हितधारकों के लिए एक मंच प्रदान करता है। इससे एक साथ एक मंच पर और प्रासंगिक प्रौद्योगिकियों और बाजार लिंकेज अवसरों पर विचारों, सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए जुड़ सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि सम्मेलन में मत्स्य पालन क्षेत्र जैसे सागर परिक्रमा, पीएमएमएसवाई, मत्स्य पालन बुनियादी ढांचे आदि में किए गए विकास और सरकारी पहलों का भी प्रदर्शन किया जाएगा।

मत्स्य पालन को एक उभरता हुआ क्षेत्र माना जाता है और इसमें समाज के कमजोर वर्ग के आर्थिक सशक्तीकरण द्वारा न्यायसंगत और समावेशी विकास लाने की अपार संभावनाएं हैं। वैश्विक मछली उत्पादन में 8 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक, दूसरा सबसे बड़ा जलीय कृषि उत्पादक, सबसे बड़ा झींगा उत्पादक और चौथा सबसे बड़ा समुद्री भोजन निर्यातक है। यह देश के 3 करोड़ मछुआरों और मछली किसानों को स्थायी आय और आजीविका प्रदान करने में भी सहायक रहा है।