नयी दिल्ली। मोदी कैबिनेट की बैठक में आज कई बड़े फैसले लिए गए। नए फैसलों के अनुसार पीएम ई-बस सेवा के तहत लगभग एक सौ शेरोन के लिए 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जाएंगी। वहीं विश्वकर्मा योजना पर भी कैबिनेट की मोहर लग गयी है, जिसके तहत 30 लाख शिल्पकार परिवारों को लाभ होगा।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुधवार ( को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई. जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए. मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुरने कहा कि पीएम ई-बस सेवा (PM-eBus Sewa) को मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि इस पर 57,613 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। देश भर में लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जाएंगी , 57,613 करोड़ रुपये में से 20,000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार देगी.
पीएम ई-बस सेवा को मजूंरी
अनुराग ठाकुर ने कहा कि ये योजना 3 लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर करेगी। इस योजना के तहत पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर 10,000 ई-बसों के साथ सिटी बस संचालन किया जाएगा। ये योजना 10 वर्षों तक बस संचालन का समर्थन करेगी।
विश्वकर्मा योजना भी हुई मंजूर
केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पीएम मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कारीगरों के लिए विश्वकर्मा योजना की घोषणा की थी। कैबिनेट ने 13,000 करोड़ रुपये की विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दी है। इससे 30 लाख शिल्पकार परिवारों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इससे शिल्पकारों को 1 लाख रुपये तक का लोन 5 प्रतिशत पर दिया जायेगा। छोटे-छोटे कस्बों में अनेक वर्ग ऐसे हैं जो गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल से जुड़े कार्यों में लगे हैं। इनमें लोहार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, फूल का काम करने वाले, मछली का जाल बुनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले, मूर्तिकार आदि शामिल हैं।
रेलवे की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को भी मिला अप्रूवल
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसके अलावा कैबिनेट ने 14,903 करोड़ रुपये के खर्च के साथ डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को मंजूरी दी। डिजीलॉकर वर्तमान में केवल नागरिकों के लिए उपलब्ध है और अब इसके 40 करोड़ से अधिक ग्राहक हैं। जल्द ही एमएसएमई के लिए डिजीलॉकर का नया एक्सटेंशन लॉन्च किया जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय रेलवे की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है।