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सिंगापुर में नशेबाजी और पुलिस पर हमले में भारतीय को दस साल की कैद

by Suyash
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सिंगापुर । भारतीय मूल के एक व्यक्ति को सिंगापुर में नशेबाजी और पुलिस पर हमले के मामले में दस साल जेल की सजा सुनाई गयी है। साथ ही उस पर 4000 हजार सिंगापुर डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया है। इस मामले में दोषी ठहराए गए निखिल एम दुर्गुडे पर आरोप है कि उसने वर्ष 2020 में छापेमारी के दौरान पुलिस अधिकारी के साथ हिंसा की। वह स्वयं नशीले पदार्थ का सेवन कर रहा था और उसके पास से नशीला पदार्थ बरामद भी हुआ था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पांच नवंबर 2020 को वरिष्ठ स्टाफ सार्जेंट चुआ मिंग चेंग और इंस्पेक्टर झेंग यियांग सहित तीन अधिकारी धोखाधड़ी के मामले में जांच के लिए बैलेस्टियर में सिटी सूट्स की एक इकाई में गए थे। वहां उन्होंने खुद को पुलिस बताते हुए निखिल और उसके साथियों प्रकाश मथिवनन और मलानी नायडू प्रभाकर को अपना परिचय दिया। इसी दौरान, प्रकाश ने स्टाफ सार्जेंट चुआ पर हमला कर दिया। साथ ही उसने अधिकारी के चेहरे और शरीर के ऊपरी हिस्से पर भी वार किया। जब इंस्पेक्टर झेंग ने प्रकाश पर अपनी रिवॉल्वर तानकर हमला बंद करने के लिए कहा, तो प्रकाश ने उसके हाथ पकड़ लिए। जब तक चुआ उठकर इंस्पेक्टर झेंग की सहायता कर पाता तब तक निखिल ने उस पर हमला कर दिया। उसे बार-बार मुक्का और लात मारना शुरू कर दिया। बाद में तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया। निखिल की जांच में पता चला कि उसने नशीले पदार्थ मेथामफेटामाइन का सेवन कर रखा था।
बीते माह निखिल को आठ आरोपों में दोषी ठहराया गया था। इन आरोपों में सरकारी कर्मचारी के काम में दखल देना और उसको रोकने के लिए जानबूझकर चोट पहुंचाना, मादक पदार्थ (भांग) को साथ रखना और मेथामफेटामाइन का सेवन करना शामिल था। सजा सुनाने से पहले उसके खिलाफ लगे 15 अन्य आरोपों पर भी सुनवाई की गई। उसे चोरी, धोखाधड़ी और नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए अगस्त 2022 में तीन साल और 10 महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी। वहीं, लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुंचाने सहित उनके अन्य आरोप अभी भी लंबित हैं। न्यायाधीश जसविन्दर कौर ने निखिल को दस साल जेल की सजा और चार हजार सिंगापुर डॉलर के जुर्माने का एलान करते हुए कहा कि निखिल ने पुलिस अधिकारी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी भी की। यह अधिकार के प्रति घोर उपेक्षा को दिखाता है। उन्होंने यह भी कहा कि पीड़ित अधिकारी को कानून पर्याप्त रूप से संरक्षण देगा।