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कैट ने जीएसटी को और सरल करने का मुद्दा उठाया

by City Headline
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नई दिल्ली। देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के 6 वर्ष पूरा होने को कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इसे एक बड़ी सफलता करार दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को साधुवाद देते हुए कैट ने कहा कि ‘एक देश-एक कर प्रणाली’ की उनकी अवधारणा को देशभर में व्यापक सफलता मिली है। इसके बावजूद जीएसटी को और सरल बनाने के लिए इसकी नए सिरे से समीक्षा करने की जरूरत है।

कैट ने शनिवार को एक बयान में कहा कि इसकी सफलता इससे साबित होता है कि जीएसटी का राजस्व करीब एक लाख 60 हजार करोड़ रुपये प्रति माह हो गया है, जो एक बड़ा कीर्तिमान है। इससे केंद्र एवं राज्य सरकारों के राजस्व में भारी वृद्धि हुई है। इस वृद्धि में देशभर के व्यापारी वर्ग का योगदान बेहद महत्वपूर्ण है। कारोबारी संगठन ने कहा कि जीएसटी में करीब 17 तरह के अप्रत्यक्ष कर एवं 13 प्रकार के सेस समाहित होने से व्यापारी वर्ग को अनेक प्रकार के सरकारी विभागों से मुक्ति तो मिली है, लेकिन अभी भी जीएसटी को अत्यधिक सरल बनाने की जरूरत है।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को जीएसटी की सफलता पर बधाई देते हुए आग्रह किया कि जीएसटी कर प्रणाली को स्थायी बनाने तथा वर्तमान में विद्यमान विसंगतियों को दूर कर अधिक सरल कर प्रणाली बनाने के लिए एक विशेष टास्क फ़ोर्स का गठन किया जाए। इसके लिए इसमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के अलावा व्यापारी एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधि भी शामिल हों।

खंडेलवाल ने कहा की देश में पिछले छह साल से लागू जीएसटी कर प्रणाली को लेकर केंद्र एवं राज्य सरकारों तथा व्यापारियों को अनेक प्रकार के अनुभव प्राप्त हुए हैं। उन्हीं अनुभवों के आधार पर इस कर प्रणाली की नए सिरे से समीक्षा की जाए और प्रधानमंत्री मोदी के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के विजन के आधार पर जीएसटी को सरल एवं सुविधायुक्त कर प्रणाली के रूप में विकसित किया जाए, जिसका पालन एक आम व्यापारी भी आसानी से कर सके। उन्होंने यह सुझाव दिया कि देश में जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में जीएसटी समन्वय समिति का गठन हो, जिसमें स्थानीय कर एवं अन्य अधिकारी तथा स्थानीय व्यापारी संगठनों के लोग शामिल हो।