लंदन। राहुल गांधी ने यहाँ आरोप लगाया कि मोदी देश को बर्बाद कर रहे हैं। भारत में लोकतंत्र खतरे में:मेरे खिलाफ केस दर्ज़ किये गए। अफसर कहते थे फोन पर सोच-समझकर बोलना, बातें रिकॉर्ड हो रहीं।
राहुल गांधी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में विजिटिंग फेलो के तौर पर पहुंचे हैं। राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में ‘लर्निंग टू लिस्निंग’ यानी सुनना सीखने के विषय पर छात्रों को लेक्चर दिया। उन्होंने यहां से डेवलपमेंट स्टडी में 1995 में एमफिल किया था। ब्रिटेन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में लेक्चर देने गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर फिर गंभीर आरोप लगाए हैं। यूनिवर्सिटी लेक्चर का वीडियो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर रिलीज़ किया है। इस वीडियो में राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा, भारतीय लोकतंत्र, मीडिया, न्यायपालिका जैसे कई मुद्दों पर बात की है।
राहुल बोले, ”भारत राज्यों का संघ है। भारत में धार्मिक विविधता है. भारत में सिख, मुस्लिम, ईसाई सभी हैं, लेकिन मोदी इन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक समझते हैं। मैं इससे सहमत नहीं हूं। जब आपका विरोध इतना बुनियादी हो तो फ़र्क़ नहीं पड़ता कि आप किन दो, तीन नीतियों से सहमत हैं। ”
राहुल ने कहा, “बड़े पैमाने पर राजनीतिक नेताओं के फोन में पेगासस है। मेरे फोन में भी पेगासस था। मुझे इंटेलिजेंस अफसरों ने बुलाकर कहा था कि आप फोन पर जो कुछ भी कहें, बेहद सतर्क होकर कहें, क्योंकि हम इसे रिकॉर्ड कर रहे हैं। यह एक ऐसा दबाव है, जो हम महसूस करते हैं।”
उन्होंने कहा, “विपक्ष के खिलाफ केस दर्ज किए जाते हैं। मेरे खिलाफ कई क्रिमिनल केस दर्ज किए गए हैं, लेकिन ये केस ऐसी चीजों के लिए दर्ज किए गए, जो आपराधिक नहीं थीं। जब देश में मीडिया और लोकतांत्रिक ढांचे पर इस तरह का हमला हो रहा हो तो विपक्ष के तौर पर आपके लिए लोगों से बात करना मुश्किल हो जाता है।”
विपक्षी नेता मुद्दों पर बात कर रहे थे, जेल में डाल दिया
राहुल बोले, “लोकतंत्र के लिए जरूरी ढांचा संसद, स्वतंत्र प्रेस, न्यायपालिका होते हैं। आज यह सब विवश होते जा रहे हैं। इसलिए हम भारतीय लोकतंत्र के मूल ढांचे पर हमले का सामना कर रहे हैं। भारतीय संविधान में भारत को राज्यों का संघ बताया गया है। उस संघ को बातचीत की जरूरत है। यह वह बातचीत है जो खतरे में है। आप देख सकते हैं तस्वीर जो संसद भवन के सामने की है। विपक्ष के नेता कुछ मुद्दों पर बात कर रहे थे और उन्हें जेल में डाल दिया गया। ऐसा 3 या 4 बार हुआ है। जो हिंसक था।”
आतंकवादी मुझसे मिले थे, लेकिन उन्होंने मुझे कुछ नहीं किया
राहुल ने बताया, “भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक अनजान आदमी मेरे पास आया। उसने कहा कि वह मुझसे बात करना चाहता है। उसने पूछा कि क्या मैं सच में लोगों की समस्याएं सुनने के लिए आया हूं। उसने आसपास के कुछ लोगों की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे सभी आतंकवादी हैं। मुझे लगा कि मैं मुश्किल में हूं क्योंकि आतंकवादी मुझे मार डालेंगे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया क्योंकि यह सुनने की शक्ति है।”
एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, ”शायद महिलाओं को गैस सिलिंडर देना और लोगों के बैंक अकाउंट खुलवाना अच्छा क़दम है। ऐसे क़दम को ग़लत नहीं कहा जा सकता, लेकिन मेरे विचार में मोदी भारत की बनावट को बर्बाद कर रहे हैं. वो भारत पर एक ऐसा विचार थोप रहे हैं जिसे भारत स्वीकार नहीं कर सकता.”
हमने कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा की. यात्रा में भारी संख्या में लोग हमसे जुड़े। इस यात्रा के दौरान मुझे समझ आया कि मेरे पास का स्पेस सुरक्षित हो ताकि जो लोग यात्रा से जुड़ें वो सुरक्षित महसूस कर सकें.
जब मैं कश्मीर पहुंचा तो सिक्योरिटी गार्ड्स आए और बोले- आप कश्मीर में यात्रा नहीं कर सकते क्योंकि आप पर हैंड ग्रेनेड से हमला हो सकता है। फिर हमने आपस में बात की और कश्मीर में यात्रा शुरू की. हमने देखा कि हज़ारों लोग तिरंगा लेकर यात्रा से जुड़ते चले गए।
तभी एक दिलचस्प चीज़ हुई. एक आदमी हमारे पास आया. उसने कुछ लड़कों की तरफ़ ध्यान दिलाकर बताया कि वो उग्रवादी हैं. उन लड़कों ने मुझे घूर कर देखा, मैंने उन्हें देखा. लेकिन वो कुछ कर नहीं पाए. यह लोगों की बात सुनने और अहिंसा की ताक़त है.
पहले भी कैम्ब्रिज जा चुके हैं राहुल गांधी
राहुल गांधी कुछ वक़्त पहले भी कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी जा चुके हैं। तब एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी का रुककर, सोचने के दौरान लिए गए वक़्त का सोशल मीडिया पर जमकर मज़ाक उड़ा था। बीजेपी समर्थकों ने इस क्लिप को जमकर शेयर किया था और राहुल गांधी के बोलने की शैली पर तंज़ कसा था। ऐसे में इस बार जब राहुल गांधी कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी गए, तब उनका पूरा लेक्चर क्लोज़ डोर रखा गया था. यानी लेक्चर का वीडियो या उससे जुड़ी बात अब तक सामने नहीं आई थी। इस एक घंटे भर लंबे वीडियो में राहुल गांधी एक प्रेज़ेंटेशन देते हुए दिखते हैं, इसमें महात्मा गांधी की दांडी यात्रा का ज़िक्र भी है और अमेरिका और चीन जैसे देशों का ज़िक्र भी है।
ये पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने विदेश जाकर भारत सरकार और भारत के आंतरिक मुद्दों को उठाया है। इसके पहले भी वह कई बार विदेशी धरती से भारत सरकार की आलोचना कर चुके हैं।
2022 : कैम्ब्रिज जाकर पाकिस्तान से की थी भारत की तुलना
पिछले साल की बात है। राहुल गांधी तब भी लंदन में थे। उस दौरान भी कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में उन्होंने छात्रों को संबोधित किया। इस दौरान राहुल के साथ अन्य विपक्षी नेता भी थे। जिनमें राजद के तेजस्वी यादव, मनोज झा, टीएमसी की महुआ मोइत्रा और सीपीआई (एम) के सीताराम येचुरी थे। राहुल ने इसकी एक फोटो भी शेयर की थी। राहुल ने यूनिवर्सिटी में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत की तुलना पाकिस्तान से की थी। इसके अलावा लद्दाख को यूक्रेन की तरह बताया था।
राहुल ने केंद्र सरकार द्वारा सीबीआई जैसी संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए भारत की तुलना पाकिस्तान से की थी। उन्होंने RSS पर निशाना साधते हुए कहा था कि उनके लिए भारत सोने की चिड़िया है और कर्मों के आधार पर उसका हिस्सा बांटना चाहते हैं जिसमें दलितों के लिए कोई जगह नहीं है। इसके अलावा राहुल गांधी ने कांग्रेस की हार की वजह ध्रुवीकरण और सत्ता का मीडिया पर नियंत्रण को बताया था। कहा था कि आरएसएस ने लोगों के बीच अपनी जगह बनाई है कांग्रेस और विपक्षी दलों को भी ऐसा ही करना चाहिए और उन 60-70% लोगों को एकजुट करना चाहिए जो उनके लिए वोट नहीं करते हैं।
राहुल गांधी ने इस दौरान, यूक्रेन की तुलना भारत के लद्दाख और डोकलाम से करते हुए कहा कि दोनों जगह चीन की सेना भारत की सीमा के अंदर बैठी है। चीन अगर वहां निर्माण कर रहा है तो किसी तैयारी के लिए कर रहा है लेकिन सरकार इस पर बात नहीं करती। मुझे चिंता है क्योंकि मैं यूक्रेन जैसी स्थिति देख रहा हूं। राहुल ने दावा किया कि एक निजी बातचीत में विदेश मंत्री जयशंकर ने भी उनके नजरिए को महत्वपूर्ण बताया। आर्थिक नीतियों पर बोलते हुए राहुल ने कहा था, हमारे देश में संवाद की कमी है। प्रधानमंत्री सुनते नहीं है। कुछ अफसरों ने बताया कि विदेश विभाग में बदलाव आ चुका है किसी की नहीं सुनी जाती।
2018 : जर्मनी में आतंकवाद को जायज ठहराने की कोशिश करने का आरोप
राहुल गांधी 2018 में जर्मनी पहुंचे थे। तब वह कांग्रेस के अध्यक्ष हुआ करते थे। यहां हैमबर्ग के बुसेरियस समर स्कूल में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने आतंकवादी संगठन आईएसआईएस को जायज ठहराने की कोशिश की थी। राहुल गांधी ने जर्मनी में अपने भाषण में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट का उदाहरण देते हुए कहा था कि विकास प्रक्रिया से बड़ी संख्या में लोगों को बाहर रखने से दुनिया में कहीं भी आतंकवादी संगठन पैदा हो सकता है।
राहुल ने कहा था कि केंद्र की भाजपा सरकार ने विकास की प्रक्रिया से आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों को बाहर रखा है तथा ‘यह एक खतरनाक बात बन सकती है।’ उन्होंने कहा, ’21वीं सदी में लोगों को बाहर रखना काफी खतरनाक है। अगर आप 21वीं सदी में लोगों को कोई विजन नहीं देते तो कोई ओर देगा और विकास प्रक्रिया से बड़ी संख्या में लोगों को बाहर रखने का यह असली खतरा है।’
उन्होंने कहा था, ‘शरणार्थियों के अपमान का कारण कामगारों के बीच नौकरियों की कमी होना है। इससे घृणा और टकराव पैदा हो रहा है।’ अपने संबोधन में राहुल ने कहा था कि आज हिंदुस्तान में जो सरकार है वह दूसरे तरीके से काम करती है। हमारी प्रतियोगिता चीन से है। या रोजगार उधर जाएगा या फिर हिंदुस्तान आएगा और भाजपा के लोग, आरएसएस के लोग हमारे ही देश को बांटने में लगे हुए हैं। हमारे ही देश में नफरत फैलाते हैं। हमारा काम लोगों को एक साथ लाने का है और देश को एक साथ बढ़ाने का है। यह काम हमने करके दिखाया है।
राहुल ने चीन का भी जिक्र किया था। कहा था, जब भी मेरा भाषण होता है मैं उदाहरण देता हूं। हिंदुस्तान में करोड़ों युवा हैं। चीन की सरकार हर 24 घंटे में 50 हजार युवाओं को रोजगार देती है। हर 24 घंटे 50 हजार नए युवाओं को रोजगार मिलता है। हिंदुस्तान की सरकार 24 घंटे में केवल 450 युवाओं को रोजगार दे पाती है। लंबे भाषण होते हैं। नफरत फैलाई जाती है मगर किसान आत्महत्या करते हैं। युवाओं को रास्ता नहीं दिखाई देता है तो हम चाहते हैं कि हिंदुस्तान आगे बढ़े, एकसाथ आगे बढ़े।
2017 : अमेरिका में कहा था- भारत में असहिष्णुता बड़ा मुद्दा
कांग्रेस उपाध्यक्ष रहते हुए राहुल गांधी ने 2017 में अमेरिका का दौरा किया था। तब वह अमेरिका के डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रति झुकाव रखने वाली थिंक टैंक सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस (CAP) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने वॉशिंगटन पोस्ट की संपादकीय टीम के साथ ऑफ दि रिकॉर्ड बातचीत के दौरान भारत में असहिष्णुता बढ़ने का आरोप लगाया था। राहुल ने कहा था कि भारत में दो बड़ी समस्याएं हैं। एक असहिष्णुता और दूसरा बेरोजगारी। कहा कि ये दोनों समस्याएं भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास के लिए चुनौती पैदा कर रहीं हैं।