नई दिल्ली। बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री इस समय सुर्खियों में हैं। अपने आश्रम और अन्य स्थानों पर भक्तों के बीच भूत-प्रेत भगाने का दावा करने वाले धीरेन्द्र शास्त्री पर अब उनके विरोधी खुलकर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगा रहे हैं।
दादा ने दी थी दीक्षा
महज 26 वर्षीय धीरेन्द्र शास्त्री को उनके दादा ने 11 वर्ष की उम्र में शिष्य बनाकर संत परंपरा से जोड़ा था। उनके दादा इलाके के प्रतिष्ठित संत थे। युवावस्था में आने के साथ धीरेन्द्र शास्त्री का बागेश्वर धाम सुर्खियों में आने लगा। उनके आश्रम में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के अलावा समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति और अफसरों के आदि के भी पहुंचने से उनके कार्यकलाप ने लोगों का ध्यान खींचा।
देश के कई स्थानों पर जाकर कथा-प्रवचन करने वाले बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री अभी हाल में महाराष्ट्र के नागपुर में कथा कहने के लिए पहुंचे थे। विरोधियों का कहना है कि चमत्कार का दावा कर अंधविश्वास फैलाने वाले धीरेन्द्र शास्त्री को वहां अपनी बातों को साबित करने की चुनौती दी गई। दावा किया जा रहा है कि अंधविश्वास विरोधी संस्था के लोगों की बात को जानकर अपनी कथा का शेड्यूल पूरा किये बिना धीरेन्द्र शास्त्री वहां से चले गए।
खुद पर लग रहे आरोपों के बीच धीरेन्द्र शास्त्री ने उन्हें चुनौती देने वालों की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि वह इसकी चिंता नहीं करते हैं। वह अपने भक्तों के बीच लगातार दरबार लगा रहे हैं। उनके समर्थक इसे धीरेन्द्र शास्त्री के खिलाफ सनातन धर्म विरोधियों की साजिश करार देते हैं। इन सारी चर्चाओं से बेपरवाह बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री के धार्मिक आयोजन जारी हैं।