प्रयागराज । देश वरिष्ठ पत्रकारों प्रभु चावला, अरूण पुरी व बालकृष्ण के खिलाफ आजमगढ़ के न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में चल रहे आपराधिक मुक़दमे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दिए हैं।
याचियों कि बिना शर्त माफी को शिकायतकर्ता आजमगढ़ के सांसद रहे डॉ संतोष कुमार सिंह द्वारा स्वीकार कर क्षमा दान देने पर केस समाप्त किया गया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने प्रभु चावला व अन्य की धारा 482 के अंतर्गत दाखिल याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
याचियों के खिलाफ आजमगढ़ की अदालत में सांसद डॉ संतोष कुमार सिंह ने मानहानि, षड्यंत्र, धोखाधड़ी व धारा 16 केबल टेलीविजन नेटवर्क रेग्यूलेशन के तहत इस्तगासा दायर किया। जिसे मजिस्ट्रेट ने खारिज कर दिया तो पुनरीक्षण अर्जी दाखिल कर चुनौती दी गई। अदालत ने केस वापस करते हुए नये सिरे से आदेश देने का निर्देश दिया।जिस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सम्मन जारी किया था। जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।
याची की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि याचियों ने सांसद से माफी मांग ली है और सांसद ने इसे स्वीकार कर माफ कर दिया है। इस पर कोर्ट ने लिखा-
क्षमा बलमशक्तानाम शक्तानाम भूषणम् क्षमा।
क्षमा वशीकृते लोके क्षमयाःकिम् न सिद्ध्यति।।
याचियों पर आरोप है कि 26 जून 2005 साढे आठ बजे रात व 27 जून 2005 को साढ़े बारह बजे दिन में आजतक न्यूज चैनल पर रूंगटा मर्डर केस पर हत्यारा कौन प्रोग्राम दिखाया गया। कहा गया सांसद व निर्मल कुमार रूंगटा की दोस्ती थी।इनका भी हत्या में हाथ हो सकता है। यह बेबुनियाद पाया गया। जिससे सांसद की प्रतिष्ठा को क्षति पहुंची तो मानहानि का दावा किया गया था।