देहरादून। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन बुधवार को प्रश्नकाल के बाद ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में सत्र न होने पर माहौल गरमाया था। विपक्ष ने उत्तराखंड को स्थाई राजधानी नहीं मिलने को लेकर सत्तापक्ष को कोसा। इसके जवाब में संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि सरकार गैरसैंण के विकास के संकल्पित है। अगला सत्र गैरसैंण में होगा।
संसदीय कार्यमंत्री ने राज्य आंदोलन के समय की हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए विपक्ष को सदन में जवाब दिया। इस दौरान मंत्री ने आक्रोशित भी हुए। विधायकों के आक्रोश को देखते हुए विस अध्यक्ष हुई अपनी सीट पर खड़ी हुई। पीठ से अध्यक्ष ने निर्देश देते हुए कहा कि विधायक आपस में बात करने के बजाय मंत्री का जवाब सुनें। संसदीय कार्यमंत्री ने सदन में घोषणा करते हुए कहा कि सरकार का अगला सत्र भराड़ीसैंण में आहूत होगा। यानी अगला बजट सत्र गैरसैंण में होगा।
सदन में चर्चा के दौरान मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नहीं अटल जी ने राज्य को दिया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राज्य को संवार रहे हैं। भाजपा के कार्यकर्ता केवल विधायक नहीं एक समर्पित सदस्य होते हैं। कांग्रेस नहीं भाजपा की सरकार ने उत्तराखंड को दिया। हमने आंदोलन किया है इस दर्द को कांग्रेस नहीं समझ सकती।
गैरसैंण के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि 4 मार्च 2020 को भराड़ीसैंण में सत्र आहूत के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के वक्तव्य को दोहराया। उन्होंने कहा कि भड़ाडीसैंण में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा की। लेकिन ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के बाद एक भी दिन सत्र वहां से चलाया गया। राज्य में 22 सालों बाद भी स्थायी राजधानी का पता नहीं है। सरकार ने ग्रीष्कालीन राजधानी गैरसैंण की अवमानना की है। सरकार ने घोषणा की लेकिन आज तक एक भी सत्र वहां पर आयोजित नही हुआ। भाजपा सरकार के निर्णय दूरदर्शी नही है, आज गैरसैंण में सिर्फ 15 अगस्त 26 जनवरी ओर राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम होते हैं। गैरसैंण में बजट सत्र पर प्रीतम ने पूछा तब चारधाम यात्रा नहीं होगी और अपनी मनमर्जी से क्या कुछ भी सरकार करेगी।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा इस वार्षिक बजट में वर्तमान सरकार ने कितनी धनराशि की ग्रीष्मकालीन राजधानी के लिए की है। तत्कालीन मुख्यमंत्री ने 2500 करोड़ की बात कही अवस्थापना सुविधाओं के लिए थी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा की वह बजट बताएं। जिस पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सरकार गैरसैंण के विकास के संकल्पित होकर कार्य कर रही है। सदन की कार्रवाई 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। आवास मंत्री द्वारा उत्तराखंड भू संपदा नियामक प्राधिकरण (सामान्य) विनियमन , 2021 को सदन के पटल पर रखा गया।
वन मंत्री उत्तराखंड ने वन विकास निगम के 2014-15, 2015-16 , 2016-17, 2017-18, 2018-19 तक के आर्थिक चिट्ठों का प्रतिवेदन सदन के पटल पर रखा।
उत्तराखंड जल संस्थान के वित्तीय वर्ष 2016-17 , 2017-18, 2018-19 के वार्षिक लेकर प्रतिवेदन को सदन के पटल पर रखा गया।