नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना में कथित तौर पर भाजपा एजेंट के रूप में काम कर टीआरएस विधायकों को प्रभावित करने के आरोपितों की याचिका पर सुनवाई करते हुए तेलंगाना सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने 7 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि वो तीनों आरोपितों की जमानत पर गुण-दोषों के आधार पर विचार करे। तीनों ने तुरंत रिहाई की मांग की है। ट्रायल कोर्ट ने रामचंद्र भारती, कोरे नंदू कुमार और डीपीएसकेवीए सिम्हायाजी और नंद कुमार की गिरफ्तारी रोकी थी लेकिन हाई कोर्ट ने 29 अक्टूबर को आदेश दिया था कि तीनों आरोपित पुलिस आयुक्त के समक्ष सरेंडर करें। हाई कोर्ट के इस आदेश को तीनों आरोपितों ने चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि आरोपितों के खिलाफ राजनीति से प्रेरित होकर आरोप लगाए गए हैं ताकि भाजपा की छवि को नुकसान पहुंचे।
याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट का आदेश अर्नेश कुमार के फैसले में दिए गए दिशा-निर्देशों के खिलाफ है। अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए का भी पालन नहीं किया गया। तीनों आरोपितों को साइबराबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इन पर आरोप है कि इन्होंने टीआरएस विधायकों को तोड़ने के लिए बड़ी रकम देने की कोशिश की थी। ट्रायल कोर्ट ने साइबराबाद पुलिस की हिरासत में लेने की मांग खारिज कर दी थी। उसके बाद साइबराबाद पुलिस ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट ने तीनों आरोपितों को सरेंडर करने का आदेश दिया था।