कोलकाता। पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले के तार अब राज्य के निजी बीएड कॉलेजों से भी जुड़ने लगे हैं। अब तक 530 ऐसे बीएड कॉलेजों की सूची बनाई गई है, जिन्होंने माणिक भट्टाचार्य के बेटे और पत्नी के नाम पर बनी संस्था के साथ समझौता किया था।
ईडी सूत्रों ने बताया है कि 2018 के अक्टूबर से लेकर 2019 के अप्रैल महीने के बीच इन कॉलेजों की ओर से माणिक के बेटे की संस्था को दो करोड़ 64 लाख रुपये दिए गए हैं। दावा है कि इन बीएड कॉलेजों में आधारभूत सेवाएं उपलब्ध कराने के एवज में ये रुपये दिए गए हैं लेकिन संदिग्ध बात यह है कि जिन लोगों को गैरकानूनी तरीके से शिक्षक की नौकरी मिली है, उनमें से अधिकतर इन्हीं बीएड कॉलेजों के छात्र रहे हैं। इसलिए मामला बेहद संगीन है और इन बीएड कॉलेजों के अधिकारियों की सूची बनाकर उनसे पूछताछ की तैयारी की जा रही है।
खास बात यह है कि वर्ष 2011 में जब ममता बनर्जी की पहली बार सरकार आई और पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री बने उसके बाद से ही माणिक भट्टाचार्य को प्राथमिक शिक्षा परिषद का अध्यक्ष बना दिया गया। इसके बाद से 2013 से राज्य में बड़ी संख्या में निजी बीएड कॉलेज खुलने लगे। इसके बाद वर्ष 2014 से प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) में धांधली होने लगी और बड़े पैमाने पर गैरकानूनी नियुक्तियां शुरू हो गई थीं। इसलिए ईडी अधिकारियों का मानना है कि माणिक भट्टाचार्य के बेटे के खाते में कॉलेजों की ओर से हुए लेनदेन की गहन जांच की जानी चाहिए। इसीलिए अब इनकी सूची बनाकर पूछताछ की तैयारी की गई है।
शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में अब ईडी की रडार पर बीएड कॉलेज
previous post